पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पथराव की घटना सामने आई है। खबरों की माने तो भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन के परिवार वाले कर रहे थे।मोहम्मद हसन ने हाल ही में सिख महिला जगजीत कौर को अगवा कर लिया था और उसका धर्मांतरण कराया था। जगजीत गुरुद्वारे के पाथी की बेटी है।
खबरों के मुताबिक पत्थरबाज़ी कर रहे लोगों ने गुरुद्वारे का घेराव कर लिया था और इसे नष्ट करने की धमकी दी। पत्थरबाजों में से एक शख्स का की कहना है कि वो इसका नया नाम गुलाम अली मुस्तफा रखेंगे। उनका कहना है कि यहां कोई सिख नहीं रहेगा। सिखों ने गुरुवार को गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई थी। बताया जा रहा है कि कुछ सिख अनुनायी गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए हैं।
अकाली दल के नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा, ‘‘मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील करता हूं कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और गुरुद्वारा ननकाना साहिब के अंदर फंसे श्रद्धालुओं तथा ऐतिहासिक गुरुद्वारे को क्रोधित भीड़ से बचाएं।’’
LIVE Footage from Nankana Sahib where an angry Muslim mob is outside Gurdwara Sahib and raising anti-Sikh slogans
I urge @ImranKhanPTI Ji to take immediate action on such communal incidents that are increasing the insecurity in the minds of Sikhs of Pak@thetribunechd @PTI_News pic.twitter.com/IlxxBjhpO2
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) January 3, 2020
क्या है मामला: गुरुद्वारे पर पथराव कर रही उग्र भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन का भाई कर रहा था। हाल ही में मोहम्मद हसन ने दावा किया था कि उसके भाई को जबरन मारा गया जबकि उसने विधि विधान से सिख लड़की (अब आयशा) से शादी की थी। परिवार का दावा है कि सिख लड़की ने दबाव के बावजूद वापस अपना धर्म बदलने से इनकार कर दिया है। हसन के भाई का कहना है कि “मंत्रियों और अधिकारियों के इशारे पर पिटाई के बावजूद, वो केवल अदालत के आदेशों और आयशा की इच्छाओं का पालन करेंगे। आयशा फिर से धर्मांतरण नहीं करना चाहती।”
बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ननकाना साहिब का सिखों के लिए खास महत्व है। सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव का जन्म 1469 में यहीं हुआ था।
