भारत में इन दिनों सेंधा नमक की मांग तेजी से बढ़ी है, खासकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच। सफेद नमक में मिलावट और स्वास्थ्य जोखिमों के कारण लोग अब सेंधा नमक को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह नमक मुख्य रूप से पाकिस्तान में पाया जाता है। भारत वहीं से इसको आयात करता है, हालांकि दोनों देशों के बीच खराब संबंध की वजह से इसे मंगाना बड़ी चुनौती हैं। फिर भी यह नमक भारतीय रसोई का अहम हिस्सा बना हुआ है। खासकर व्रत और धार्मिक आयोजनों में इसका व्यापक उपयोग होता है। आयुर्वेद में इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है। इसमें साधारण नमक के मुकाबले कम सोडियम होता है। सेंधा नमक को हिमालय की चट्टानों से पीसकर बनाया जाता है। काला नमक और सेंधा नमक दोनों ही खनिज हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी नमक खदान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के झेलम जिले के खेवड़ा में है। यहां से हर साल साढ़े 4 लाख टन से ज्यादा सेंधा नमक निकाला जाता है। पंजाब के पश्चिमोत्तर क्षेत्र की नमक कोह पहाड़ी श्रृंखला से भी सेंधा नमक प्राप्त होता है। सेंधा नमक को ‘लाहौरी नमक’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह लाहौर के जरिए उत्तर भारत में बेचा जाता है। भारत में हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की सांभर झील से भी यह नमक प्राप्त होता है।
धारा 370 हटने के बाद से बंद है ट्रेड रिलेशन
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक संबंधों में भारी गिरावट आई। पाकिस्तान ने व्यापार पर औपचारिक रूप से रोक लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के बीच कुछ आवश्यक वस्तुओं का आयात-निर्यात लगातार जारी रहा। सेंधा नमक भी उन वस्तुओं में से एक है, जिसे दोनों देशों के बीच खराब होते संबंधों के बावजूद आयात किया जाता रहा है।
भारत ने 2018-19 में 74,457 टन सेंधा नमक का आयात किया, जिसमें से लगभग 99% पाकिस्तान से आया था। हालांकि, व्यापार पर रोक लगने के बाद भारत ने सऊदी अरब से इसका आयात शुरू किया। भारत ने धीरे-धीरे पाकिस्तान पर निर्भरता कम की और अब सऊदी अरब से सेंधा नमक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मंगाया जा रहा है।
सेंधा नमक की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग
पाकिस्तान से आयातित सेंधा नमक की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग दिल्ली, कोच्चि, हैदराबाद और मुंबई जैसे बड़े शहरों में होती है। इसके बाद इसे देशभर में भेजा जाता है। हालांकि, भारत में अब खुद का नमक उत्पादन बढ़ाने के प्रयास जारी हैं ताकि भविष्य में आयात पर निर्भरता कम की जा सके।
भविष्य में सेंधा नमक का उत्पादन
भारत अब अपने खुद के सेंधा नमक उत्पादन के विकल्प तलाश रहा है। इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सालों में भारत में सेंधा नमक का घरेलू उत्पादन बढ़ सकता है। इससे न केवल पाकिस्तान पर निर्भरता कम होगी, बल्कि भारत की खुद की नमक आपूर्ति को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।