वायुसेना प्रमुख अरुप राहा ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) आज भी शरीर में कांटे की तरह चुभता है। उन्होंने इशारा किया कि अगर उच्च नैतिकता के बजाये सैन्य समाधान से हल निकालने की कोशिश की जाती तो PoK आज भारत के पास होता है। उन्होंने कहा कि 1971 तक की लड़ाईयों में भारत ने वायु सेना की ताकत का पूरा इस्तेमाल नहीं किया। सुरक्षा जरुरतों में भारत की ओर से व्यावहारिक दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया।

एयर चीफ मार्शल ने गुरुवार को एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जब 1947 में हमलवारों ने जम्मू-कश्मीर में हमला किया। उस दौरान भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट ने प्लेंस ने भारतीय सैनिकों को युद्ध भूमि में हथियार, सैन्य उपकरण और रसद पहुंचाने में मदद की। उन्होंने कहा कि जब सैन्य समाधन हो सकता था तो इसे नैतिकता के धरातल पर ले जाया गया और इस समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के लिए यूएन गए। समस्या अभी भी जारी है और आज भी PoK एक कांटे की तरह हमारे शरीर में चुभ रहा है।

बता दें कि पीओके को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग जारी है। पाकिस्तान द्वारा कश्मीर हिंसा का मुद्दा उठाए जाने के बाद  भारत ने विदेश सचिव स्तर की चर्चा में पीओके पर बातचीत का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर में जारी हिंसा के बीच सभी दलों के साथ हुई बैठक में साफ संदेश दिया था कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पीओके भारत का हिस्सा है। इसके अलावा उन्होंने पीओके के लोगों के साथ हो रही ज्यादती को लेकर पाकिस्तान पर निशाना भी साधा था।