जासूसी के आरोप में पाकिस्तान के जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने दूसरी बार राजनयिक पहुंच की मंजूरी दी है। शर्त में कहा गया  है कि भारतीय अधिकारी से मुलाकात के दौरान जाधव और अधिकारी को अंग्रेजी में बात करनी होगी और इस दौरान पाकिस्तानी अधिकारी भी वहां मौजूद रहेंगे।

इससे पहले भारत ने कहा था कि पाकिस्तान बिना किसी शर्त के जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव से बातचीत करने का मौका दे। भारत का कहना है कि इस मामले में वह कानूनी विकल्पों की लगातार तलाश कर रहा है। बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अपील और समीक्षा याचिका को जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि या इस्‍लामाबाद में भारत के काउंसलर अधिकारी दायर कर सकते हैं।

पाकिस्तान पहले भी हेकड़ी दिखाते हुए झूठ बोल चुका है। इससे पहले पाकिस्तान ने दावा किया था कि सैन्य अदालत से मौत की सजा पाए जाने के बाद जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया था। हालांकि भारत के तल्ख रवैये के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जाधव की मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी थी।

कौन हैं कुलभूषण जाधव: पाकिस्तानी अधिकारियों ने कुलभूषण जाधव को भारत की खुफिया एजेंसी RAW के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पाकिस्तानी आर्मी ने जाधव को पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर के नजदीक सरवान में पकड़े जाने का ऐलान किया था। लेकिन इस मसले पर भारत ने सवाल खड़े किए थे। दरअसल, ब्लूच नेता सरफराज बुगती ने बयान दिया था कि जाधव को ब्लूचिस्तान के चमन प्रांत से गिरफ्तार किया गया था।

कुलभूषण जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।साल 2017 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में इस मुद्दे को उठाया था। पिछले साल जुलाई में अदालत ने पाकिस्तान से कहा था कि वो कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दे और फांसी की सजा पर दोबारा विचार करे।