पाकिस्तान सरकार ने भारत में होने वाली इंडो-पाक बिजनेस फोरम की बैठक रद्द कर दी है। इस महीने के अंत में होने वाली इस बैठक को कैंसिल करने के पीछे सुरक्षा को कारण बताया गया है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने तर्क दिया है कि उसके हाई-प्रोफाइल डेलिगेशन को भारत में हिंदू कट्टरपंथी संगठन निशाना बना सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने फिलहाल बैठक रद्द कर नई तारीखों पर विचार करने की बात कही है। इंडो-पाक बिजनेस फोरम की बैठक 30 नवंबर से 2 नवंबर तक होनी थी, जिसमें दोनों देशों के 15 बिजनेस लीडर्स को हिस्सा लेना था। दूसरी ओर भारत या पाकिस्तान का कोई भी अधिकारी मीटिंग कैंसिल होने पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय के कुछ अफसरों ने इतना जरूर कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में अपनी असफलता से ध्यान हटाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रहा है। वहीं, बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित भी मोदी सरकार को इशारा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार हर मुद्दे को जटिल बना रही है। उसकी नीति साथ चलने वाली नहीं है।
गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ शहरयार खान भारत आए थे। इसके विरोध में शिवसेना ने बीसीसीआई दफ्तर में घुसकर हंगामा किया था, जिसके बाद शशांक मनोहर ने शहरयार के साथ मीटिंग रद्द कर दी थी। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी अपनी किताब की लॉन्चिंग के लिए मुंबई आए थे। उस वक्त भी शिवसेना ने सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोतकर पाकिस्तान के साथ संबंधों को विरोध किया था। अब पाकिस्तान इसे मुद्दा बना रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पहले ही भारत में खेले जाने वाले टी-20 वर्ल्ड का बॉयकॉट करने की धमकी दे चुका है।
वैसे, बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट सीरीज खेलने को लेकर एक प्लान केंद्र सरकार को भेजा है। अब देखना है होगा कि पाकिस्तान के इस कदम के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह क्रिकेट सीरीज को हरी झंडी देते हैं या नहीं?
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