पठानकोट एयरबेस में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान भारत को लगातार जांच का भरोसा दिला रहा है, लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पड़ोसी देश इस मामले को लेकर कितना गंभीर है इसकी अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने अभी तक इस मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की है। 2 जनवरी को हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के कार्यालयों पर छापा मार कर कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पकड़े के गये तीन संदिग्धों में हमले का कथित मास्टर माइंड मसूद अजहर भी शामिल था। 12 जनवरी को भारत के साथ शुरुआती जांच रिपोर्ट सांझा करते हुए पाकिस्तान ने मसूद अजहर से जुड़े हुए और सबूत मांगे थे।
पाकिस्तान ने पुलिस, आईएसआई और जांच से जुड़े अधिकारियों को मिला कर एक ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम (JIT) भी बनाई थी। इंवेस्टिगेशन टीम को भारतीय एयर बेस पर हुए हमले की जांच का काम सौंपा गया था। यह टीम अभी तक हिरासत में लिए गये संदिग्धों से पूछताछ करने में ही व्यस्त है। अभी तक पठानकोट हमले को लेकर किसी भी संदिग्ध के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
जैश चीफ मसूद अजहर इस हमले में कथित भूमिका की जानकारी भी अब तक भारत के साथ साझा नहीं की गई है। भारत को अभी तक इस बात की भी जानकारी नहीं है कि किन धाराओं के तहत संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पाकिस्तान का कहना है कि जो फोन नंबर भारत ने पाक को सौंपे थे वो जाली निकले हैं जिस कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि, इसी बीच 26 जनवरी को पेशावर से छपने वाली एक पत्रिका में मसूद अजहर ने फिर भारत के खिलाफ लेख लिखा है।