Pahalgam Attack NIA Investigation: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को आज एक महीना पूरा हो गया है। इस हमले में सीमा पार से आए आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पुलिस और जांच एजेंसी NIA आतंकवादियों की तलाश में जुटी हैं। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए थे। भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।

भारत ने आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर PoK में चल रहे आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक की थी और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत ने मुरीदके, बहावलपुर और कोटली में एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था।

ये जगहें भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों के गढ़ हैं। इन आतंकी संगठनों ने मुंबई से लेकर संसद पर हमले सहित कई वारदातों को अंजाम दिया है।

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गवाहों से पूछताछ कर रही NIA

पहलगाम हमले की गंभीरता को देखते हुए NIA ने आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। तब से NIA लगातार गवाहों से पूछताछ कर रही है और हमलावरों तक पहुंचने के लिए तकनीक का इस्तेमाल भी कर रही है।

पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पांच आतंकवादियों के हाथ होने का शक जताया गया है इनमें से तीन पाकिस्तान के हैं। NIA की ओर से तीन आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए गए थे और उनके बारे में सूचना देने वाले को 20-20 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।

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NIA पिछले कुछ दिनों में डेढ़ सौ लोगों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें टट्टू चलाने वाले, दुकानदार, फोटोग्राफर और पर्यटन से जुड़े कामों में लगे लोग शामिल है। इसी तरह कई और लोगों से भी जांच एजेंसी पूछताछ कर चुकी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में कई आतंकियों के घरों को बुलडोजर की कार्रवाई या ब्लास्ट करके उड़ा दिया गया था।

आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया था और इसमें कई ओवर ग्राउंड वर्कर भी शामिल थे। ऐसा करके पुलिस ने कोशिश की थी कि पहलगाम हमले के बारे में कोई सुराग हासिल किया जाए और यह भी संदेश दिया जाए कि कोई भी शख्स अगर आतंकवादियों का साथ देगा तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। एक अधिकारी ने बताया कि हमले के सुराग को लेकर बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है।

Public Safety Act के तहत मामला दर्ज

पुलिस के एक अफसर ने बताया कि हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोगों को रिहा कर दिया गया है हालांकि कुछ लोग पहले ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करते थे, उन पर Public Safety Act के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अफसर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NIA को कई लोगों के बारे में जानकारी मिली, लेकिन ज़्यादातर सुराग झूठे पाए गए। 

एक अफसर ने बताया कि हमले के शुरुआती दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरों के डिजिटल फुटप्रिंट्स के बारे में पता लगा लिया था और उनके कम्युनिकेशन में भी सेंध लगा दी थी लेकिन इसके बाद से ऐसा लगता है कि आतंकी ऑफलाइन हो गए हैं।

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6 आतंकवादियों को किया था ढेर

हमले के बाद दक्षिण कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशंस में सेना और पुलिस ने 6 स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया था। इनमें आतंकी संगठन TRF का भी एक टॉप कमांडर शामिल था। पुलिस का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में TRF का ही हाथ है। इस बीच, भारत पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश दुनिया भर में पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा हुआ है। इसके लिए भारतीय सांसदों और नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों के दौरे पर भेजा गया है।

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