पद्म पुरस्कारों के लिए जो लोग अपना नॉमिनेशन खुद ही भेजते हैं, उनको यह पुरस्कार मिलने की संभावना बेहद कम होती है। आरटीआई के तहत द इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में सरकार को कुल 1840 नॉमिनेशन मिले। इनमें से 637 सेल्फ नॉमिनेशन यानी खुद के लिए किए गए नामांकन थे। इनमें से भी सिर्फ तीन को पद्म अवॉर्ड मिले। 2016 की बात करें तो कुल 2311 में से 720 सेल्फ नॉमिनेशन थे। इनमें से भी सिर्फ दो को भारत के राष्ट्रपति की ओर से दिया जाने वाला यह नागरिक पुरस्कार मिला।
READ ALSO: प्रियंका चोपड़ा, रजनीकांत, सानिया मिर्जा को मिला पद्मश्री सम्मान
एक लंबी लड़ाई के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2015 और 2016 के पद्म अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन की पूरी सूची और इन लोगों के नाम का सुझाव देने वालों के बारे में आरटीआई के तहत द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2015 में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण मिला। वहीं, 2016 में आडवाणी की सिफारिश पर ही केके वेणुगोपाल को यह पुरस्कार दिया गया।
2015 में कुल 104 हस्तियों को ये नागरिक सम्मान मिला। इनमें से 9 पद्म विभूषण, 20 पद्म भूषण और 75 पद्म श्री अवॉर्ड शामिल हैं। 2016 में कुल 112 लोगों को यह पुरस्कार मिला। इनमें 10 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 83 पद्म श्री अवॉर्ड शामिल हैं।
2015 में खुद का नॉमिनेशन करने वाले जिन लोगों को अवॉर्ड मिला, उनमें नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर योगराज शर्मा, अरुणाचल प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता एच थेग्टसे रिनपोचे और एम्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ अल्का कृपलानी हैं। इन तीनों को पद्म श्री अवॉर्ड मिला। वहीं, दूसरी ओर 2016 में कमेंटेटर सुशील दोषी और तेलंगाना आंदोलन के नेता टी वेंकट नारायण को सेल्फ नॉमिनेशन पर पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया।
दिलचस्प बात यह है कि 2015 में अवॉर्ड पाने वाले 104 में से सिर्फ 58 कट ऑफ डेट तक आए कुल 1840 नॉमिनेशंस में से चुने गए। 2016 में भी अवॉर्ड पाने वाले कुल 112 लोगों में से 65 कट ऑफ डेट तक आए 2311 नॉमिनेशन में से थे। इस तरह देखा जाए तो 2015 में 46 जबकि 2016 में 47 ऐसे लोगों को अवॉर्ड दिया गया, जिनके नाम ओपन नॉमिनेशन की प्रक्रिया के तहत नहीं सुझाए गए। दस्तावेजों से पता चलता है कि 2015 में सिर्फ चार पद्म विभूषण, 14 पद्म भूषण और 40 पद्म श्री ओपन नॉमिनेशन वाले नामों में से चुने गए। वहीं, 2016 में कुल दस पद्म विभूषण से पांच, 19 पद्म भूषण में से 11 जबकि 83 पद्मश्री अवॉर्ड पाने वालों में से 49 को ओपन नॉमिनेशन के तहत मिली सिफारिशों से चुना गया। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पुरस्कार पाने वाले अन्य लोगों के नाम या तो गृह सचिव या गृह मंत्री के स्तर पर सुझाए गए। इन नामों को पहले पीएम के पास और बाद में सहमति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक, यह पहले भी बेहद आम रहा है कि पुरस्कार पाने वाले बहुत सारे लोगों को नॉमिनेशन वाली सूची के बाहर से चुना गया।
2016 में पद्म अवॉर्ड पाने वाले बहुत कम ही लोग थे, जिनके नाम की सिफारिश राज्य सरकारों ने की। गोवा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और यूपी सरकार की सिफारिश पर 1-1 जबकि आंध्र प्रदेश सरकार की सिफारिश पर दो को पुरस्कार मिला। पुरस्कार पाने वाले दो लोगों के नामों की सिफारिश आरएसएस से बीजेपी में शामिल हुए राम माधव जबकि एक के नाम की सिफारिश यूपी के गवर्नर राम नाइक ने की। इनाडु ग्रुप के रामोजी राव को वित्त मंत्री अरुण जेटली की सिफारिश पर यह पुरस्कार मिला जबकि पूर्व सीएजी विनोद राय को यह अवॉर्ड केरल के के भास्करन की सिफारिश पर दिया गया।
2015 में अवॉर्ड पाने वाली हस्तियों में सिर्फ 17 ऐसे थे, जिनके लिए 13 राज्य सरकारों ने सिफारिश की। इसके अलावा, 8 के लिए पांच केंद्रीय मंत्रालयों, 9 के लिए छह केंद्रीय मंत्रियों, छह के लिए छह बीजेपी सांसदों जबकि तीन अवॉर्ड पाने वालों के लिए खुद पद्म अवॉर्ड कमेटी ने सिफारिश की। बिबेक देवरॉय को इंडिकेस एनालिटिक्स के लवीश भंडारी की सिफारिश पर पद्मश्री अवॉर्ड मिला। लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष सी कश्यप को कर्नाटक के पूर्व गवर्नर टीएन चतुर्वेदी की सिफारिश पर यह पुरस्कार मिला। जर्नलिस्ट रजत शर्मा व स्वप्न दासगुप्ता के अलावा एडवोकेट हरीश साल्वे को पद्म भूषण जबकि डॉ रनदीप गुलेरिया को पद्मश्री वित्त मंत्री जेटली की सिफारिश पर मिला। वहीं, केंद्रीय मंत्री उमा भारती की सिफारिश पर राम भद्राचार्य को पद्म विभूषण और सौमित्र रावत को पद्म श्री अवॉर्ड दिया गया।
2015 में अवॉर्ड पाने वाली जिन हस्तियों के नॉमिनेशन कट ऑफ डेट से पहले नहीं मिले, उनमें पद्म विभूषण से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी, पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल, एक्टर अमिताभ बच्चन, सामाजिक कार्यकर्ता डी वीरेंद्र हेगड़े और विदेशी कारोबारी करीम अल हुसेनी अगा खान शामिल हैं। कट ऑफ डेट के बाद जिन पद्म भूषण अवॉर्ड पाने वालों के नॉमिनेशन मिले, उनमें स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी, पूर्व चुनाव आयुक्त एन गोपालास्वामी, श्री सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी, अमेरिकी हिंदू टीचर डेविड फ्राले, बिल गेट्स, मेलिंडा गेट्स और जापानी विद्वान सैकिरो मिसूमी हैं।
ठीक इसी तरह से 2016 में कट ऑफ डेट तक भेजे गए नॉमिनेशन में से न चुने जाने वालों में पद्म विभूषण से सम्मानित रजनीकांत, श्री श्री रविशंकर, जगमोहन, अविनाश दीक्षित, दिवंगत कारोबारी धीरूभाई अंबानी थे। वहीं, इस तरह से पद्म भूषण पाने वालों में हेसनम कनईलाल, राम वी सुतर, हफीज कॉन्ट्रैक्टर, इंदु जैन और पत्रकार अशोक मलिक आदि शामिल हैं।