पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि रघुराम राजन की कहानी फिर से दोहराई जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल को उनके पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। चिदंबरम ने कहा कि आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) चाहता है कि पटेल को उनके पद से हटा दिया जाए। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “स्वदेशी जागरण मंच उर्जित पटेल को इस पद से हटाना चाहता है। इसका मतलब है कि मोदी सरकार चाहती है कि वह चले जाएं। रघुराम राजन की कहानी दोहराई जा रही है। एसजेएम ने कथित तौर पर जोर देकर कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों को संयम दिखाना चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे पहले भी चिदंबरम मोदी सरकार पर इसी मुद्दे पर निशाना साध चुके हैं।

बीते दिनों उन्होंने उन खबरों पर पर चिंता जताई थी, जिसमें कहा जा रहा था कि केंद्र ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी किए हैं। चिदंबरम ने कहा कि यह दिखाता है कि सरकार हताश है और अर्थव्यवस्था से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है। चिदंबरम ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, “अगर सरकार ने आरबीआई एक्ट की धारा 7 का इस्तेमाल कर आरबीआई को अप्रत्याशित निर्देश दिए हैं तो मुझे डर है कि आज और बुरी खबरें आएंगी।”

उन्होंने कहा था कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1991 या 1997 या 2008 या 2013 में धारा 7 का इस्तेमाल नहीं किया था। चिदंबरम ने कहा, “अब इस प्रावधान के इस्तेमाल करने की जरूरत क्या है? यह दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में तथ्यों को छिपा रही है और यह हताशाभरा है।” आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 7 सरकार को जनहित के मुद्दों पर बैंक के गर्वनर के साथ परामर्श के बाद आरबीआई को निर्देश जारी करने की अनुमति देती है।

वहीं, नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में बढ़ती रार के बीच आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफा देने की खबरें भी आई थीं। सूत्रों के हवाले से सीएनबीसी टीवी 18 की रिपोर्ट में यह कहा गया था। हालांकि, इस मसले पर अभी तक आरबीआई की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है।