पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने यस बैंक मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने यस बैंक की खराब हालत के लिए एनडीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। चिदंबरम ने आरोप लगाया कि एनडीए राज में यस बैंक के बैड लोन में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने इसके लिए नोटबंदी को भी जिम्मेदार ठहराया है।
चिदंबरम ने अपने ट्वीट में यस बैंक के 2014 से लेकर 2019 तक के बैड लोन के आंकड़े शेयर किए। चिदंबरम ने लिखा “क्या सरकार इस बात की पुष्टि करेगी कि यस बैंक की ऋण पुस्तिका भाजपा की निगरानी में ऐसे बढ़ी है: वित्तीय वर्ष 2014: 55,000 करोड़, 2015: 75,000, 2016: 98,000, 2017: 1,32,000, 2018: 2,03,000 और 2019: 2,41,000 करोड़ था।
Will the government confirm that the Loan Book of YES Bank has grown under the BJP’s watch as follows:
FY2014: 55,000 cr
FY2015: 75,000
FY2016: 98,000
FY2017: 1,32,000
FY2018: 2,03,000
FY2019: 2,41,000— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
Is it correct that SBI is “exploring investment opportunity” in YES Bank?
Why should SBI invest in YES Bank?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
पी. चिंदबरम ने आगे लिखा, ‘मैं समझता हूं कि वित्त मंत्री ने यूपीए पर आरोप लगाते हुए एक बयान दिया है, अज्ञानता में जीने वाली सरकार के लिए यह सामान्य है। क्या वित्त मंत्री को मेरे द्वारा ट्वीट किए गए नंबरों की जानकारी है? अगर है, बताएं कि कैसे लोन बुक पांच साल में 55,633 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,41,499 करोड़ हो गया?’
उन्होंने आगे पूछा कि क्या यह सही है कि एसबीआई यस बैंक में निवेश का अवसर तलाश रही है? एसबीआई को यस बैंक में निवेश क्यों करना चाहिए? चिंदबरम ने कहा कि एसबीआई को यस बैंक का लोन बुक ले लेना चाहिए, चाहे वह एक रुपया का हो। लोन की वसूली करनी चाहिए और साथ ही जमाकर्ताओं को आश्वासन देना चाहिए कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और वापस आ जाएगा।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है। रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। यस बैंक पर पैसा निकासी पर लगाई गई पाबंदी के बाद जमाकर्ताओं में अफरा-तफरी मच गई है।