दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय ने अंतिम क्षण में मांसाहारी व्यंजनों को ऐतिहासिक गैस्ट्रोनोमिका रेस्तरां में परोसने से रोक लगा दी। यहां 19-25 फरवरी तक ‘हड़प्पा संस्कृति’ पर चलने वाली प्रदर्शनी के जरिए सिंधु भोजन का अनुभव कराया जा रहा है। राष्ट्रीय संग्रहालय, संस्कृति मंत्रालय और वन स्टेशन मिलियन स्टोरीज (OSMS) द्वारा संयुक्त रूप से यह आयोजन किया गया है। आयोजन में वेज-नॉनवेज दोनों तरह के भोजन का विकल्प दिया गया था और आनलाइन बुकिंग में भी इसका विकल्प था। सरकार द्वारा सोशल मीडिया और संग्रहालय की वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी दी गई थी। हालांकि मंगलवार (18 फरवरी, 2020) को संग्रहालय ने अनिर्दिष्ट नियमों का हवाला दिया और OSMS को आयोजन के दौरान नॉनवेज भोजन नहीं परोसने को कहा।
इसी बीच संस्कृति मंत्रालय के हवाले से सूत्रों ने कहा कि कुछ सांसदों ने ऑनलाइन शेयर किए गए भोजन के मेन्यू पर प्रतिक्रिया दी। हालांकि अतिरिक्त महानिदेशक सुब्रत नाथ ने मामले में किसी बाहरी हस्तक्षेप की जानकारी से इनकार किया है। संग्रहालय के नियमों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘वास्तव में ऐसा कोई नियम नहीं है, मगर हमें संग्रहालय की परंपरा का सम्मान करना होगा। इसमें बुधवार को निजी आयोजकों को इस बाबत एक मेल भेजा गया।
पूछने पर अन्य संग्रहालय जैसे आईजीएनसीए, एनएमएमएल और शिल्प संग्रहालयों में तो इस तरह के प्रतिबंध नही हैं? सुब्रत नाथ ने कहा, ‘दूसरे क्या करते हैं मैं इस मामले में टिप्पणी नहीं कर सकता। इस संग्रहालय में देवी-देवताओं की बहुत सी मूर्तियां हैं और भगवान बुद्ध का अवशेष है। अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अतिथि इस संग्रहालय में आते हैं। हमें यहां इन संवेदनशीलता पर विचार करना होगा।’
अतिरिक्त महानिदेशक सुब्रत नाथ से जब पूछा गया कि सरकार ने नॉनवेज मैन्यू को पहले मंजूरी और सार्वजनिक विज्ञापन क्यों दिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि OSMS से पहले इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा नहीं की थी। उन्होंने कहा, ‘उनके हड़प्पा मैन्यू का बहुत अच्छे से शोध किया गया है, हालांकि उन्हें नॉनवेज व्यंयजनों का विकल्प नहीं चुनना चाहिए था।’
उल्लेखनीय है कि OSMS ने नॉनवेज भोजन के लिए ऑनलाइन बुकिंग रोक दी है। जो व्यंजन अब उपलब्ध नहीं हैं, उनमें हल्दी स्टू मछली, सायला की पत्ती में भुना हुआ बटेर/मुर्गा/देशी चिकन शामिल है। इसके अलावा बाटी के साथ सूखी मछली, मीट वाला सूप, काबुली चने के साथ मांस, सूखी मछली और महुआ तेल की चटनी शामिल है।
मामले में OSMS की निर्देशक सोमी चटर्जी से भी संपर्क किया गया। हालांकि उन्होंने फोन कॉल्स और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भेजे ईमेल का जवाब नहीं दिया।