प्रतिष्ठित राजनीतिक समीक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने यहां कहा कि अफसोस की बात है कि यह समझे बिना कि आमिर खान देश को क्या बताना चाहते हैं, कुछ लोगों ने उनकी राष्ट्रभक्ति पर ही सवाल उठा दिए।

योगेंद्र ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ‘आइडिया आफ इंडिया : भारत एक अवधारणा’ विषय पर आयोजित एक व्याख्यान माला के दौरान शनिवार को यहां कहा कि यह बात देश में विद्यमान हालात के नकारात्मक पक्ष की ओर इशारा करती है कि यह समझने की कोशिश किए बिना कि आमिर देश से क्या कहना चाहते हैं, कुछ लोगों ने उनकी राष्ट्रीय निष्ठा पर ही सवाल करने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रवृत्ति इस तथ्य को उभार कर पेश करती है कि वैचारिक विविधता का सम्मान करके देश को मजबूत बनाने के बजाय तथाकथित राष्ट्रवाद के विकृत स्वरूप को थोपकर भारत की अवधारणा को ही खंडित करने की कोशिश हो रही है।

योगेंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत पर राष्ट्रवाद के जिस ब्रांड को थोपने की कोशिश कर रहा है, वह नाजी जर्मनी के राष्ट्रवाद का ही लघु रूप लगता है और विविधता में एकता की भारत की उस अवधारणा के खिलाफ है जो आधुनिक भारत के निर्माताओं की थी। उन्होंने कहा कि वे (संघ) इस बात से नावाकिफ लगते हैं कि वे क्या नष्ट करने की कोशिश में हैं।
उन्होंने कहा कि देश में विविधता पर सवाल खडेÞ करने वाले लोग असल में यह भाव पैदा कर रहे हैं कि भारत इतना कमजोर हो गया है कि वह वैचारिक विविधता को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि लगता है कि हमने श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से कोई सबक नहीं सीखा, जो एकरूप राष्ट्रवाद और संकीर्ण धार्मिकता थोपने की कोशिश में भारी खमियाजा उठा चुके हैं।
गोमांस खाने को लेकर चल रहे विवाद के बारे में यादव ने कहा कि इस विवाद के समाधान का रास्ता है बशर्ते कि हम इसे लेकर गंभीर हों। गोमांस भोज का आयोजन इसका समाधान नहीं है बल्कि इससे विवाद बढेÞगा। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर बहुत सफाई से कहा कि हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि भारत के एक बहुत बडेÞ समाज में गाय को पूज्य माना जाता है। दूसरी तरफ मुसलमान के लिए गोमांस खाने की कोई अनिवार्यता नहीं है। इसलिए अगर हम चाहें तो इस संवेदनशील सवाल का हल आसानी से निकाल सकते हैं।

योगेंद्र ने यह भी कहा कि सूखा पीड़ित बुदेलखंड अंचल के दौरे में उन्होंने देखा कि गांव वालों ने लाखों की संख्या में गाय बैलों को खुला छोड़ दिया है। इसकी वजह यह है कि वे उनके लिए भूसे चारे का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। यह मवेशी या तो भूख से या फिर कूड़ा घरों से पॉलीथिन खाकर मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इन मवेशियों को बचाने का उपाय खोजना होगा, मगर ऐसा करने के नाम पर किसी की हत्या नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में नजदीक आते विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश हो सकती है, इसलिए हम सभी का यह दायित्व है कि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।
इस सवाल पर कि मौजूदा हालात से उत्पन्न चुनौतियों का मुसलमान कैसे सामना करें, योगेंद्र ने कहा कि भारत का मूल भाव व भावना और सभी महान धर्मों का सार एक ही है कि सभी सहिष्णु बनें और सभी धर्मावलंबी एक दूसरे की भावना का सम्मान करें।