भारतीय वायुसेना (IAF) ने आतंकी हमलों के ख़तरे को देखते हुए देश भर के वायुसेना ठिकानों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वायुसेना ने यह कदम खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर उठाया है। खुफिया सूचना में बताया गया है कि आतंकी जम्मू-कश्मीर और इसके सटे राज्यों में आत्मघाती हमले कर सकते हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी जारी करते हुए जानकारी दी है कि 10 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी जम्मू-कश्मीर और इसके पड़ोसी राज्यों में स्थित एयरबेस पर आत्मघाती हमले कर सकते हैं।
आतंकी खतरे को देखते हुए श्रीनगर, अवंतीपुर, जम्मू, पठानकोट और हिंडन एयरबेस पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। ऑरेंज अलर्ट दूसरी सबसे बड़ी सिक्यॉरिटी संबंधित चेतावनी है। इसके बाद रेड अलर्ट का पड़ाव होता है। यदि रेड अलर्ट लागू होता है तो तमाम स्कूल बंद कर दिए जाएंगे और एयरबेस के पास किसी भी तरह की गतिविधि को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि यह चेतावनी ऐसे वक्त में आई है, जब दो दिन पहले ही सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बताया कि पाकिस्तान में भारत द्वारा ध्वस्त हुआ बालाकोट का आतंकी कैंप फिर से सक्रिय हो गया है।
बालाकोट के फिर सक्रिय होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बल हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। सिंह ने पत्रकारों से कहा, “चिंता ना करें, हमारे सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं।”
Defence Minister Rajnath Singh, in Chennai, Tamil Nadu when asked 'Pakistan has opened Balakot again, are we shutting it down?': Don't worry, our force is fully prepared. https://t.co/hddtfVDK38
— ANI (@ANI) September 25, 2019
जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा था कि करीब 500 घुसपैठिए भारत में घुसने की फिराक में हैं। इस दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि इस्लाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और धर्मगुरुओं को इसका सही मतलब बताना चाहिए। रावत ने कहा था, “जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने खुलेआम बोल दिया है कि हम आतंकवादी भेजेंगे। पाकिस्तान इसके लिए हमेशा युद्ध विराम का उल्लंघन करता रहा है ताकि आतंकवादी आसानी से भारतीय क्षेत्र में घुस जाएं।”
इस साल, फरवरी में पाकिस्तान स्थिति जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले को निशाना बनाया था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसकी जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुस बालाकोट में जैश के आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।