कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 100 से अधिक विपक्षी सांसदों ने आज भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला।
समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और माकपा समेत करीब 10 राजनीतिक दलों के सांसदों और नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकले विरोध मार्च में भाग लिया।
कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये और कहा कि जब तक मोदी सरकार विधेयक में बदलाव नहीं करती, उनका विरोध जारी रहेगा।
दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के सुरक्षाकर्मियों को बड़ी संख्या में इलाके में तैनात किया गया था। संसद से राष्ट्रपति भवन के मार्ग पर बैरिकेड भी लगाये गये थे।
लोकसभा पिछले हफ्ते भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और उसकी असली परीक्षा अब राज्यसभा में है जहां वह अल्पमत में है।
भूमि विधेयक, 2013 का विरोध करने पहुंचीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम यहां मोदी सरकार के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए आए हैं और हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस मामले में हस्तक्षेप करें।
नेताओं के विरोध मार्च से पहले सुरक्षा कड़ी की गयी:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कम से कम दस पार्टियों के नेताओं द्वारा आज एक विरोध मार्च से पहले संसद और राष्ट्रपति भवन के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गयी।
दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को बड़ी संख्या में इलाके में तैनात किया गया है। बैरिकेड लगाये गये हैं और संसद से राष्ट्रपति भवन जाने के रास्ते पर वॉटर कैनन तैनात हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा, ‘‘अगर कोई प्रदर्शन होता है तो हम इसे रोकते हैं। लेकिन अगर कोई चलकर जाता है तो हम उन्हें क्यों रोकेंगे?’’ उन्होंने कहा कि पुलिस नियमों का उल्लंघन नहीं होने देगी। जो भी सुरक्षा बंदोबस्त जरूरी होंगे, किये जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां सांसदों को मार्च निकालने की अनुमति दे सकती हैं लेकिन अगर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होते हैं तो उन्हें रोका जा सकता है क्योंकि इलाके में धारा 144 लगी है।
शाम छह से सात बजे के बीच मार्च निकाला जा सकता है जिसके समन्वयक जदयू अध्यक्ष शरद यादव हैं। विपक्ष के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपे जाने वाले ज्ञापन के मसौदे को अंतिम रूप देने समेत मार्च में मुख्य भूमिका निभा रही है।
मार्च में पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, सपा के रामगोपाल यादव, द्रमुक से कनिमोई, इनेलो के दुष्यंत चौटाला और राजद के प्रेमचंद गुप्ता भाग ले सकते हैं।
कांग्रेस की ओर से मसौदे को अंतिम रूप देने में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद भूमिका निभा रहे हैं।