राहुल गांधी ने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर पर उनकी उस टिप्पणी के लिए फिर से निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के बारे में सूचित कर दिया है। यह कांग्रेस नेता द्वारा ऑपरेशन सिंदूर और दोनों देशों के बीच सीजफायर के बाद की पहली टिप्पणी के दो दिन बाद आया है।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लोकसभा में विपक्ष के नेता ने जयशंकर की चुप्पी को निंदनीय बताया। राहुल ने एक्स पर लिखा, विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सिर्फ़ बयानबाजी नहीं है, यह निंदनीय है। इसलिए, मैं फिर से पूछूंगा- हमने कितने भारतीय विमान खो दिए क्योंकि पाकिस्तान को पता था? यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था और देश को सच्चाई जानने का हक है।”

इससे पहले उनकी पोस्ट में लिखा था, “हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। इसे किसने अधिकृत अथोरिटाइज्ड किया? इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?”

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राहुल के पोस्ट के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी जो कि स्पष्ट रूप से ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद का चरण है। इसे गलत तरीके से शुरू होने से पहले की घटना बताया जा रहा है। तथ्यों की इस पूरी तरह से गलत प्रस्तुति की निंदा है।”

क्या था विदेश मंत्री जयशंकर का बयान ?

गुरुवार को एस जयशंकर ने कहा था, “ऑपरेशन की शुरुआत में , हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं। हम सेना पर हमला नहीं कर रहे हैं। इसलिए, सेना के पास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने और अलग रहने का विकल्प है। उन्होंने उस अच्छी सलाह को न मानने का फैसला किया।” पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई द्वारा अपने पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला से की गई बातचीत का जिक्र किया था। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स