President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बृहस्पतिवार को देश एवं सशस्त्र बलों के दृढ़ संकल्प की सराहना की। साथ ही बताया और बताया कि कैसे दुनिया ने आतंकवाद से लड़ने में भारत के रुख पर ध्यान दिया है।
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरा मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा।
अपने 22 मिनट के संबोधन में, राष्ट्रपति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव के बीच भारत की दृढ़ता और देश की जीडीपी वृद्धि में किसानों और श्रमिकों के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। मुर्मू ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में, हमारी उपलब्धियां और भी उल्लेखनीय हैं… पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव के बावजूद, घरेलू मांग तेज़ी से बढ़ रही है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक अर्थव्यवस्था की स्थिति को बेहतर बता रहे हैं। यह हमारे श्रमिकों और किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ-साथ सावधानीपूर्वक किए गए सुधारों और कुशल आर्थिक प्रबंधन का भी परिणाम है।
यह टिप्पणी भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण व्यापार गतिरोध के बीच आई है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया है, जबकि समझौते के लिए द्विपक्षीय वार्ता जारी है।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष हमें आतंकवाद के कहर का सामना करना पड़ा। कश्मीर में छुट्टियां मना रहे निर्दोष नागरिकों की हत्या कायरतापूर्ण और पूरी तरह से अमानवीय थी। भारत ने निर्णायक तरीके से और दृढ़ संकल्प के साथ जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की रक्षा के लिए किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं… रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी क्षमता के साथ, उन्होंने सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
राष्ट्रपति ने हमले के बाद प्रदर्शित एकता और बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से दुनिया को दिए गए राजनीतिक संदेश का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिक्रिया में, जो सबसे ज़्यादा ध्यान देने योग्य था, वह थी हमारी एकता, जो हमें विभाजित करने की चाह रखने वालों को सबसे करारा जवाब भी है। हमारी एकता संसद सदस्यों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में भी प्रदर्शित हुई, जिन्होंने भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए विभिन्न देशों से संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया ने भारत के रुख पर ध्यान दिया है कि हम आक्रामक नहीं होंगे, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में भी संकोच नहीं करेंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन का एक परीक्षण भी था। उन्होंने कहा कि इसके परिणामों ने साबित कर दिया है कि हम सही रास्ते पर हैं। हमारे स्वदेशी विनिर्माण ने वह महत्वपूर्ण स्तर हासिल कर लिया है जो हमें अपनी कई सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाता है। आज़ादी के बाद से भारत के रक्षा इतिहास में ये ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हैं।
ऐसे समय में जब चुनाव आयोग विपक्ष के निशाने पर है, खासकर बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर, राष्ट्रपति ने भारत को “सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार वाला लोकतंत्र” बताया।
मुर्मू ने कहा कि हम भारत के लोग, अपने भाग्य को आकार देने की शक्ति, लिंग, धर्म और अन्य कारकों के बंधनों के बिना, हममें से प्रत्येक के हाथों में सौंपते हैं, जिनके कारण अन्य लोकतंत्रों में बहुत से लोगों को मतदान करने से रोका जाता था। अनेक चुनौतियों के बावजूद, भारत के लोगों ने लोकतंत्र में सफलतापूर्वक परिवर्तन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जब हमने संविधान को अपनाया, तो उसने लोकतंत्र की नींव रखी। हमने लोकतांत्रिक संस्थाओं का निर्माण किया, जिन्होंने लोकतंत्र के व्यवहार को मज़बूत किया। हम अपने संविधान और लोकतंत्र को सबसे ऊपर रखते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में हमारे लोकतंत्र को कायम रखने वाले चार स्तंभों के रूप में चार मूल्य शामिल हैं – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व। उन्होंने आगे कहा कि सभी को स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तथा समान अवसर तक समान पहुंच होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन के ज़रिए बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। सरकार गरीबों के लिए और उन लोगों के लिए भी कल्याणकारी योजनाओं की एक श्रृंखला चला रही है जो गरीबी रेखा से ऊपर तो आ गए हैं, लेकिन अभी भी असुरक्षित हैं, ताकि वे फिर से गरीबी रेखा से नीचे न गिरें। यह सामाजिक सेवाओं पर बढ़ते खर्च में परिलक्षित होता है। आय असमानता कम हो रही है। क्षेत्रीय असमानताएँ भी मिट रही हैं।”
उन्होंने कहा कि हमारे व्यापारिक नेताओं, लघु एवं मध्यम उद्योगों और व्यापारियों ने हमेशा कुछ कर गुजरने की भावना दिखाई है। ज़रूरत थी धन सृजन के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने की। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक दशक में बुनियादी ढाँचे के विकास के मामले में यह बात साफ़ दिखाई देती है।
राष्ट्रपति ने भारतमाला परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत करने, कश्मीर घाटी में रेल संपर्क का उद्घाटन करने, मेट्रो रेल सुविधाओं को बढ़ाने, तथा जल आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन सुनिश्चित करने जैसी सरकारी योजनाओं का भी विशेष उल्लेख किया।
पुतिन एवं ट्रंप की मुलाकात पर बोला भारत, हम 15 अगस्त को अलास्का में उनके मिलने का स्वागत करते हैं
उन्होंने कहा कि सरकार जीवन की बुनियादी सुविधाओं को नागरिकों का वाजिब हक मानती है। जल जीवन मिशन ग्रामीण घरों में नल से जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में प्रगति कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस डिजिटल युग में, यह स्वाभाविक है कि भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे ज़्यादा प्रगति हुई है। लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी है, और शेष कुछ हज़ार गांवों में भी जल्द ही यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया में होने वाले कुल डिजिटल लेन-देन में से आधे से ज़्यादा भारत में होते हैं। इन विकासों ने एक जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण किया है जिसका देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान साल-दर-साल बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की पहलों से संपूरित सर्वांगीण आर्थिक विकास ने भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर कर दिया है। वही, पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को उड़ाने वाले फाइटर पायलटों समेत नौ वायु सेना अफसरों को वीर चक्र। पढ़ें…पूरी खबर।