केरल में आर शंकर की प्रतिमा के अवारण कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूरे विवाद पर पीएम की ओर से दखल नहीं देने पर दुख प्रकट किया है। चांडी ने लिखा, ‘मैं जानना चाहता हूं कि अगर ऐसी घटना गुजरात में हुई होती और आप (नरेंद्र मोदी) मुख्यमंत्री होते तब प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया क्या होती?’ उन्होंने कहा कि बीजेपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दल और मीडिया ने इस घटना को केरल की जनता का अपमान बताया है।
श्री नारायण धर्म परिपालना योगम (एसएनडीपी) ने अपने कार्यक्रम में पहले मुख्यमंत्री चांडी को बुलावा भेजा था, लेकिन बाद में उन्हें कार्यक्रम से दूर रहने को कह दिया था। प्रोग्राम में पीएम मोदी को भी बुलाया गया था। इस बात को लेकर संसद में हंगामा हुआ। मोदी सरकार की ओर से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मसले पर सफाई दी, लेकिन चांडी ने पत्र में राजनाथ सिंह और राजीव प्रताप रूडी पर संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं ने न तो उनसे तथ्यों के बारे में जानकारी ली और न ही उनके ऑफिस में किसी से बात की।
सीएम चांडी ने पत्र में आगे लिखा, ‘कोल्लम के कार्यक्रम में मेरे शामिल नहीं होने को लेकर जो भी विवाद हुआ है, मैं उसके लिए क्षमा चाहता हूं। मुझे एसएनडीपी के महासचिव वेलापल्ली नतेसन ने निमंत्रण भेजा था, जिसे मैंने स्वीकार किया। 11 दिसंबर को नतेसन ने मंत्री के. बाबू के जरिये मेरे पास सूचना भिजवाई कि उनके पास खुफिया विभाग का इनपुट है, जिसके मुताबिक अगर कार्यक्रम में मैं शामिल होता हूं तो विरोध प्रदर्शन हो सकता है।’ पीएम मोदी को लिखे पत्र में चांडी ने दावा किया है कि कार्यक्रम में विरोध से जुड़ा कोई भी इनपुट केरल सरकार यानी खुद उनकी सरकार के पास नहीं था।
उन्होंने पत्र में यह भी दावा किया है कि एसएनडीपी के महासचिव नतेसन ने जब उनसे दूसरी बार कार्यक्रम से दूर रहने की गुजारिश की तो फिर उनके पास वहां नहीं जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस बात की जानकारी पीएमओ को भेज दी गई थी।
चांडी ने लिखा, ’12 दिसंबर को राज्य के प्रोटोकॉल ऑफिसर ने पीएमओ को बताया कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम अटेंड नहीं करेंगे।’ केरल के सीएम ने पत्र में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की ओर से यह कभी नहीं कहा गया कि ओमन चांडी अपनी असुविधा की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। जैसा कि राजीव प्रताप रूडी ने संसद में दावा किया था। चांडी ने लिखा, ‘मुझे नहीं पता कि कार्यक्रम के आयोजकों ने निमंत्रण भेजने के बाद उसे क्यों वापस लिया, इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता। मुझे निमंत्रित करके नोटिस पर मेरा नाम छापने के बाद एसएनडीपी के महासचिव नतेसन ने अज्ञात कारणों से न्योता वापस ले लिया था।’
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