प्रौद्योगिकी ने लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के आंकड़े अलग तस्वीर प्रस्तुत करते हैं जहां देश के ग्रामीण क्षेत्रों की केवल एक चौथाई महिलाओं और करीब आधे पुरुषों ने ही अपने जीवन में कभी न कभी इंटरनेट का उपयोग किया है।

आंकड़ों के अनुसार, देश के शहरी क्षेत्रों में 51.8 फीसद महिलाओं और 72.5 फीसद पुरुषों और ग्रामीण क्षेत्रों में 24.6 फीसद महिलाओं और 48.7 फीसद पुरुषों ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। पिछले महीने जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएसएच) 2019-21 के आंकड़े इंटरनेट के उपयोग को लेकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बीच अंतर को भी प्रदर्शित करते हैं।

एनएफएसएच 2019-21 सर्वेक्षण का भारत में जमीनी कार्य दो चरणों में 17 जून 2019 से अप्रैल 2021 के बीच किया गया था । इसके तहत 17 एजंसियों ने 6,36,696 परिवारों की 7,24,115 महिलाओं तथा 1,01,839 पुरुषों से जानकारी एकत्र की थी। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी भी सभी परिवारों में आयोडिन युक्त नमक का उपयोग नहीं किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सात फीसद घरों में और शहरों में करीब तीन फीसद घरों में आयोडिन युक्त नमक का उपयोग नहीं हो रहा है।

शहरी क्षेत्रों में 38 फीसद परिवारों में कोई एक सदस्य स्वास्थ्य बीमा/वित्तीय योजना दायरे में आता है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह संख्या अधिक (42.4 फीसद) है। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि 20 से 24 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में ग्रामीण इलाकों में 27 फीसद का विवाह 18 वर्ष से पहले हुआ जबकि शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 14.7 फीसद है।

वहीं, 25 से 29 आयु वर्ग के पुरुषों में ग्रामीण क्षेत्रों में 21.1 फीसद का विवाह 21 वर्ष से पहले हुआ जबकि शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 11.3 फीसद है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में ग्रामीण क्षेत्रों में 33.7 फीसद महिलाओं और 43.7 पुरुषों ने 10 वर्ष या उससे अधिक की पढ़ाई की जबकि शहरी क्षेत्रों में 56.3 फीसद महिलाओं और 62.1 फीसद पुरुषों ने 10 वर्ष से उससे अधिक की पढ़ाई की । (भाषा)