एक देश-एक चुनाव के लिए संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की तीसरी बैठक मंगलवार को संसद भवन में हुई। इस मीटिंग में पूर्व चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी समेत 4 लॉ एक्सपर्ट्स ने कमेटी के सामने सुझाव दिए। अब तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं।

संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर चर्चा करने और सुझाव लेने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय JPC बनाई गई है। JPC का काम बिल पर व्यापक विचार-विमर्श करना, विभिन्न पक्षकारों और विशेषज्ञों से चर्चा करना और अपनी सिफारिशें सरकार को देना है। अब तक कमेटी की 2 बैठकें हो चुकी हैं।

‘एक देश एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए गठित संसदीय समिति के सामने पेश हुए एक्सपर्ट्स

विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष रितुराज अवस्थी मंगलवार को एक देश एक चुनाव विधेयक पर चर्चा के लिए गठित संसदीय समिति के सामने पेश हुए। रितुराज अवस्थी के अलावा आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा भी संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। नितेन चंद्रा एक देश एक चुनाव पर सहमति बनाने वाली पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति में सचिव भी रहे थे। भारत के पूर्व सीजेआई यूयू ललित भी संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व कांग्रेस सांसद ई एम सुदर्शन नचियप्पन, जिन्होंने 2015 में एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में संसदीय समिति का नेतृत्व किया था भी समिति के साथ अपने विचार शेयर करेंगे।

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8 जनवरी 2025 को JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें सभी सांसदों को 18 हजार से ज्यादा पेज की रिपोर्ट दी गई थी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में कोविंद समिति की रिपोर्ट और उसकी सॉफ्ट कॉपी भी थी। संशोधन बिल पर 31 जनवरी 2025 को दूसरी बैठक हुई थी। इसमें कमेटी ने बिल पर सुझाव लेने के लिए स्टेक होल्डर्स की लिस्ट बनाई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग-अलग हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, चुनाव आयोग, राजनीतिक दल और राज्य सरकारें शामिल हुई थीं।

पूर्व कानून मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय समिति

केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सरकार ने लोकसभा में संविधान में संशोधन करने वाले एक विधेयक सहित दो विधेयक संसद में पेश किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन विधेयकों पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स