One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन के विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में मंजूरी दी थी। अब इस विधेयक को मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने संसद के पटल पर पेश करने का फैसला किया है, जिसके तहत सोमवार 16 दिसंबर को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) एक देश एक चुनाव का विधेयक (One Nation One Election Bill) संसद में पेश करेंगे। सरकार की प्लानिंग है कि 2034 से लोकसभा और विधानसभा के सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा में पहला संशोधन विधेयक एक साथ चुनाव कराने को लेकर पेश करेंगे, जबकि दूसरी विधेयक, दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के लिए पेश करेंगे। केंद्र सरकार ने सितंबर 2024 में ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर बनी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी।

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मोदी कैबिनेट ने दी थी विधेयक को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव को लेकर बात रखी थी। उन्होंने इस दरैान कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा था।

एक देश एक चुनाव कब लागू होगा

एक देश एक चुनाव के विधेयक को JPC के पास भेजने का प्लान

माना जा रहा है कि लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने के बाद इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। इसके पीछे सभी राजनीतिक दलों की राय लेने के साथ ही सहमति से फैसला लेने का है। इससे पहले वक्फ संशोधन विधेयक को भी मोदी सरकार ने आम सहमति बनाने के लिए जेपीसी के पास भेजा था।

क्या है एक देश एक चुनाव का मकसद?

गौरतलब है कि फिलहाल लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होते हैं, या तो पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद या जब सरकार किसी कारण से भंग हो जाती है। इसकी व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं।

बता दें कि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हुए। एक देश एक चुनाव को लेकर अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।