शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की दूसरी पुण्यतिथि पर सोमवार को भाजपा को उनके दर्जे के अनुरूप एक स्मारक बनाने के वादे के साथ शिवसेना से संपर्क करते देखा गया। शिवाजी पार्क में ठाकरे के अस्थायी स्मारक पर सिर्फ राज्य के एक मंत्री द्वारा श्रद्धांजलि अदा किए जाने की बात शुरुआती खबरों में बताए जाने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आयोजन स्थल पर अपनी कैबिनेट के कई सहयोगियों के साथ पहुंचे।
फडणवीस ने ठाकरे की प्रशंसा करते हुए स्मारक का निर्माण करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की। शिवसेना काफी समय से स्मारक बनाने की मांग कर रही है। बाल ठाकरे भगवा गठबंधन को मूर्त रूप देने वालों में एक थे। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले 25 साल पुराना यह गठबंधन टूट गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बाल ठाकरे हमारे लिए पिता तुल्य हैं। हमने उनके आशीर्वाद से काफी कुछ पाया है। महाराष्ट्र में उनके जैसा कोई नहीं हो सकता।’
फडणवीस ने कल नागपुर में कहा था कि शिवसेना के साथ बातचीत के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। राजनीति में ऐसी चीजें कभी नहीं होती। वार्ता संभव है। उन्होंने कहा कि ठाकरे के दर्जे के अनुरूप स्मारक के निर्माण पर चर्चा करने के लिए मुख्य सचिव के अधीन एक समिति गठित की जाएगी। उद्धव ठाकरे और अन्य राजनीतिक दलों के नेता समिति में शामिल होंगे। गौरतलब है कि राकांपा द्वारा अल्पमत सरकार को बाहर से समर्थन करने का वादा किए जाने के बाद फडणवीस ने पिछले हफ्ते विवादास्पद विश्वास मत हासिल किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उस वक्त शिवसेना से संपर्क साधते नजर आए जब उन्होंने ठाकरे को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर का सहारा लिया और लिखा-महान व्यक्ति को सलाम।’
आस्ट्रेलिया में मौजूद मोदी ने ट्वीट किया, ‘पूज्य बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर मैं उस महान व्यक्ति को नमन करता हूं जो हमेशा लोगों के लिए जिए और उनकी भलाई के लिए खड़े रहे।’ मोदी ने आगे कहा, ‘बालासाहेब ठाकरे का जीवन हमें निरंतर पे्ररित करता है। वह करोड़ों लोगों के दिलों में रहते हैं।’ गुजरात में गोधरा बाद के दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री के पद से मोदी के इस्तीफे की जोरदार मांग के बीच ठाकरे ने उनका मजबूती से समर्थन किया था।
उधर, भाजपा और शिवसेना के बीच सुलह पर भ्रम की स्थिति बने रहने के बीच मनसे नेता राज ठाकरे ने काफी समय बाद उद्धव के साथ मंच साझा किया जहां उनके हाव भाव संबंध सुधरने की अटकलों के सही होने का संकेत देते नजर आए। मुस्कुराते हुए राज मंच पर चढ़े और उद्धव, उनके छोटे बेटे तेजस और शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत से हाथ मिलाया। मनसे नेता को शिवसेना नेता रामदास कदम उद्धव और राउत के बीच एक खाली कुर्सी तक ले गए, जहां वह बैठे। दोनों नेताआें को काफी समय बाद सार्वजनिक रूप से बात करते और हंसते देखा गया। राज को शहर की मेयर स्नेहल अंबेकर सहित शिवसेना की कई महिला नेताओं के साथ भी बात करते देखा गया।
महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे के अलग थलग पड़ने के बाद दोनों चचेरे भाइयों के बीच संबंधों में यह नरमी देखने को मिली है। राज ने 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया पर महाराष्ट्र की राजनीति में अब इसके पास कोई मित्र नहीं रह गया है और उसे अन्य पार्टियों की मदद से अपनी स्थिति मजबूत करने की जरूरत है।
राज ठाकरे नीत मनसे को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा। वह लोकसभा चुनाव में एक सीट तक जीत नहीं पाई जबकि विधानसभा चुनाव में महज एक सीट हासिल कर पाई। राज ने भाजपा से शिवसेना के संबंध टूटने के बाद सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि वह इस पार्टी से गठजोड़ करना चाहते थे लेकिन दूसरी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।