कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जीवन पर भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी के दौरान, संजय गांधी की मौत को याद करते हुए कहा कि अगर संजय गांधी ने बड़े भाई की बात को मान ली होती तो वो हादसा नहीं होता।
राहुल गांधी ने कहा कि मेरे चाचा एक खास प्लेन को उड़ा रहे थे। वो बेहद तेज प्लेन था। जिसका नाम पिट्स था। मेरे पिता ने उनसे कहा कि ऐसा मत करो। उन्होंने बड़े भाई की बात नहीं मानी। और यह दर्दनाक हादसा हो गया। मेरे चाचा के पास प्लेन उड़ाने का अधिक अनुभव नहीं था। नई दिल्ली के सफदरगंज एयरपोर्ट के पास प्लेन के हवा में क्रैस होने से उनकी मौत हो गयी। बताते चलें कि 23 जून 1980 को हुए हादसे में संजय गांधी की मौत हो गयी थी। संजय गांधी को उस समय इंदिरा गांधी का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता था। कहा जाता है कि संजय गांधी की मौत के बाद ही राजीव गांधी की राजनीति में एंट्री हुई थी।
युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी में राहुल गांधी ने राजीव गांधी के साथ अपनी यादों को साझा करते हुए कहा कि ‘‘मुझे याद है कि अपने पिता के साथ यात्रा के दौरान मैं यह पाता था कि ये दौरे सिर्फ लोगों के साथ जुड़ने के लिए नहीं होते थे, बल्कि ये लोगों की जरूरतों को समझने की कोशिश थी और लोग जो कहना चाहते थे, उसे वह सुनते थे।’’
जनता से मिलते हुए राजीव गांधी की एक तस्वीर की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘वह लोगों की भीड़ में पहुंच कर उनकी बात सुनते थे और कहते थे कि उनकी बात का समाधान इस माध्यम से निकाला जा सकता है।’’ राहुल गांधी के मुताबिक, ‘‘यह सफर था जिसमें वह लोगों को सुनने के लिए जाते थे और उन माध्यमों को देखते थे जिनसे राष्ट्र की आवाज को हकीकत में तब्दील किया जा सकता था।’’