शटलर पीवी सिंधू ने ओलंपिक में कांसे का पदक जीतकर इतिहास रचा तो बीजेपी खुशी से झूम उठी। इतना कि मोदी सरकार में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा ठोक दिया कि उनकी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम अच्छा काम कर रही है।
हालांकि, सोशळ मीडिया पर यूजर्स को उनका रवैया रास नहीं आया। उन्होंने ठाकुर को जमकर खरी खोटी सुनाईं। दरअसल, न्यूज एजेंसी ANI ने अनुराग के हवाले से लिखा कि कोई भी क्षेत्र ले लो। बेटियों को जहां भी मौका मिलता है वो कमाल कर देती हैं। शटलर पीवी सिंधू की जीत बता रही है कि बेटियों के उत्थान को मोदी सरकार की योजना बेहतरीन है। बेटियां खेल के अलावा दूसरे क्षेत्रों में अनुकरणीय मुकाम हासिल कर रही हैं।
एक यूजर ने लिखा- क्रेडिट मार लो…। सद्गुरु के हैंडल से ट्वीट किया गया कि इसका मतलब सिंधू ने 2014 के बाद से बैडमिंटन खेलना शुरू किया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बाद से ही उन्हें खेलने का ध्यान आया था। द पैट्रियाट ने लिखा- हां सिंधू ने 2014 के बाद से ही खेलना शुरू किया। इससे पहले वो घर पर थी।
Smashing victory for PV Sindhu, she has made India proud. She has done it twice, the second athlete to do so. Today she was dominating in the game. One after the other, whether Mirabai Chanu, Sindhu, & now we're also expecting ( a medal) from Lovlina: Sports Mini Anurag Thakur pic.twitter.com/RewaTOC3Uo
— ANI (@ANI) August 1, 2021
So Sindhu started playing Badminton in 2014 after Modi launched the Beti Bachao Beti padhao??
TOPS ko credit dete to samjh bhi aata, but Beti Bachao Beti Padho ko credit dena is silly.— Naman Datta (@yourownnaman) August 1, 2021
मप्र कांग्रेस की अल्पसंख्यक सेल के उपाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र स्याल ने लिखा- हम अपनी मातृशक्ति को शत-शत नमन करते हैं। ये मेडल सिंधू के कठिन परिश्रम का नतीजा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या मोदी सरकार ये बताएगी कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से कैसे सिंधू को फायदा मिला।
किरन ने लिखा- ये मोदी जी हैं जिन्होंने पदक जीता है न कि पीवी सिंधू ने। सिंधू का जन्म 1990 में हुआ। तब आपके मोदी जी ईंटें इकट्ठी कर रहे होंगे। मुस्कान ने ट्वीट किया- क्रेडिट छोड़ कुछ तो शर्म करो। नमन दत्ता ने लिखा- सिंधू ने बैडमिंटन खेलना क्या 2014 के बाद से शुरू किया जब ये स्कीम लांच हुई। TOPS को क्रेडिट देते तो समझ में आता पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को श्रेय देना मुर्खता है।
Yes, salute to women power. But Mr. Thakur, she is playing and winning since 2009 and it is the hard work of PV Sindhu, her coach and her family that is paying off. Can you please enlighten us how she has benefitted from "Beti Bachao, Beti Padhao". I am eager to know.
— Dr. Shailendra Sial (PhD) (@dr_ssial) August 1, 2021
Illiteracy and Politicians are well connected. Hence they put logic to all these Olympians are working on their goal for years not coz of some schemes.
— Indian citizen (@ArGupta19) August 1, 2021
धीरज ने तंज कसते हुए कहा कि अभी भी ओलंपिक का आखिरी गोल्ड कांग्रेस के समय में ही आया था। प्रशांत ने लिखा-बेतुकी बात है। पीवी सिंधू की उपलब्धि का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से कोई लेना देना नहीं है। इंडियन सिटिजन ने लिखा- अज्ञानता और नेताओं का चोली दामन का साथ है। ये खिलाड़ी जी-जान से मेहनत करते हैं। किसी स्कीम से जीत हासिल नहीं करते हैं।