दिल्ली सरकार के विद्यालयों की तर्ज पर अब सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी अतिथि शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने यह व्यवस्था लागू करने के दिशा निर्देश तैयार किए हैं। इस आदेश के बाद अब सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी शिक्षकों की तैनाती का रास्ता खुल सकेगा। अब तक अतिथि शिक्षकों की मदद से केवल सरकारी विद्यालयों में ही सेवाएं दी जा रही थी।

इस व्यवस्था को लागू करने के लिए किन मानकों को प्रयोग किया जाएगा यह भी दिल्ली सरकार ने एक आदेश के माध्यम से स्पष्ट किया है। सरकारी योजना के मुताबिक, किसी भी विद्यालय में अतिथि शिक्षकों की तैनाती से पहले प्रबंधन समिति को खाली पदों की सूचना निदेशालय को देनी होगी ताकि इस प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी सरकार के संज्ञान में रहे। इस प्रावधान के अतिरिक्त दिल्ली सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रबंधन समिति को तैनात किए जा रहे शिक्षक के भुगतान का पांच फीसद खर्च वहन करना होगा।

यह पैसा प्रतिदिन शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन के हिसाब के आधार पर जारी होगा। अभी दिल्ली सरकार द्वारा तैनात किए गए शिक्षकों को प्रतिदिन के हिसाब से 1403 रुपए का भुगतान किया जाता है। तैनाती के संबंध में सूची को सहायता प्राप्त विद्यालय संबंधित विभाग के माध्यम से भेजेगा। यह तैनाती उस समय तक रखी जा सकेगी जब तक संबंधित विभाग खाली पड़े उस पद के स्थान पर पक्की भर्ती नहीं कर लेता।

इसके अतिरिक्त अन्य प्रावधानों को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा तय किए मानकों के हिसाब से ही पालन किया जाएगा। सरकारी एजंसियों का मानना है कि इस व्यवस्था की मदद से तत्काल में शिक्षकों की कमी को पूरा करने में मदद हासिल होगी और बच्चों की प्रभावित शिक्षा के स्तर में सुधार लाने में भी मदद हासिल होगी।

दिल्ली सरकार के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार टीजीटी व पीजीटी शिक्षकों की मदद लेती है। इस समय सरकारी विद्यालयों में करीब 20 हजार शिक्षकों को मदद ली जा रही है। जो प्रतिदिन भुगतान के हिसाब से ही विद्यालयों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं।