कासंगज हिंसा की गूंज शुक्रवार (2 फरवरी) को संसद में भी सुनाई दी। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता राम गोपाल यादव ने संसद परिसर में कहा कि हिंदू ही हिंदू को मार रहा है, लेकिन मुसलमान पर आरोप लगा दिया गया। उन्‍होंने कहा, ‘मैंने संसद में इसलिए बोला कि केंद्र सरकार इस पर बयान दे, स्थिति स्‍पष्‍ट करे। साथ ही झूठे आरोपों में गिरफ्तार लोगों को छोड़ा जाए। जो लोग वास्‍तव में दोषी हैं, जिन्‍होंने गोली चलाई है उन्‍हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है कि मार कौन रहा है? हिंदू ने ही हिंदू को मारा। एक मुसलमान के ऊपर आरोप लगा दिया गया गया क्‍योंकि उसके तीन भाइयों के खिलाफ पहले से ही एफआईआर दर्ज है।’ कासगंज हिंसा में चंदन गुप्‍ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस कारवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। सपा नेता ने कहा, ‘मुस्लिम लोगों के घरों में घुसकर मारपीट की। झूठे इल्‍जाम लगा कर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनकी संपत्ति नष्‍ट की जा रही है। आग लगाई जा रही है। इसके बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।’ रामगोपाल यादव के इस बयान पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्‍य‍क्‍त की है। अंकुश द्विवेदी ने ट्वीट किया, ‘पुलिस कार्रवाई तो कर रही है…बस आपके हिसाब से नहीं कर रही है।’ अभिषेक कटियार ने लिखा, ‘आपने जो काम पांच वर्षों में नहीं किया था, योगी आदित्‍यनाथ अब कर रहे हैं।’ अनुराग कौशल ने लिखा, ‘…और रामगोपाल यादव ने डाली आहुति। स्‍वाहा।’ अरविंद जकेटिया ने ट्वीट किया, ‘अरे भाई अब मुसलमान भी तुम्‍हारे झांसे में नहीं आने वाले। कभी हिंदू पर हमले पर भी बोला कीजिए।’

गणतंत्र दिवस के मौके पर कासगंज में भड़की हिंसा में चंदन गुप्‍ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। चंदन की मां संगीता गुप्‍ता ने कहा था क‍ि उनके बेटे को ‘पाकिस्‍तान जिंदबाद’ बोलने के लिए कहा जा रहा था। ऐसा नहीं बोलने पर गोली मार दी गई थी। उन्‍होंने सरकार से अपने बेटे के लिए इंसाफ मांगा था। पुलिस ने इस मामले के मुख्‍य आरोपी सलीम को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि सलीम ने ही छत से गोली चलाई थी। कासगंज हिंसा में व्‍यापक पैमाने पर संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। उपद्रवियों ने शहर के कई दुकानों में आग लगा दी थी। रोडवेज बसों को भी नहीं बख्‍श गया था। सांप्रदायिक हिंसा के नियंत्रित करने के लिए शहर के चप्‍पे-चप्‍पे पर सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। हिंसा से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हाथ में तिरंगा थामे युवाओं को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है। मालूम हो कि बरेली के डीएम ने इस मामले में बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था। हालांकि, बाद में उन्‍हें लखनऊ तलब कर लिया गया था।