कोलकाता में बीजेपी की बैठक से मुकुल रॉय की गैरमौजूदगी राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाओं को जन्म दे गई। उनके वापस टीएमसी में जाने के अटकलों के बीच सांसद सौगत रॉय ने कहा कि बीजेपी में गए बहुत से नेता ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं, लेकिन इन्हें लिया जाए या नहीं इस पर हाईकमान फैसले लेगा।

सौगत रॉय का कहना है कि इन नेताओं को दो हिस्सों में बांटकर देखा जा रहा है। पहले में वो हैं जो टीएमसी छोड़ बीजेपी में गए लेकिन उन्होंने शब्दों की मर्यादा कायम रखी। यानि पार्टी या फिर हाईकमान के खिलाफ कोई गलत बयानी नहीं की। दूसरे में वो लोग हैं जिन्होंने ममता या अभिषेक के खिलाफ खुलकर अपशब्द कहे। मुकुल रॉय पहली श्रेणी में आते हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कभी कोई गलत बात नहीं बोली। सुवेंदु अधिकारी दूसरी श्रेणी में आते हैं। उन्होंने ममता और अभिषेक के खिलाफ दो बातें बोलीं वो अक्षम्य हैं।

अटकलों का बाजार तब गर्म हुआ जब हाल ही में अभिषेक बनर्जी अस्पताल में भर्ती मुकुल रॉय की पत्नी का हाल जानने पहुंचे थे। इसके बाद से ही उनकी टीएमसी में वापसी की बातें शुरू हो गई थीं। इसके बाद ही पीएम मोदी ने पिछले गुरुवार को मुकुल रॉय को फोन करके उनकी बीमार पत्नी का हालचाल पूछा था। बीजेपी नेताओं के अनुसार रॉय की पत्नी के स्वास्थ्य का हालचाल लेने के लिए पीएम ने ये फोन किया था। जबकि, टीएमसी नेताओं का मानना है कि यह बीजेपी की नेताओं को एक साथ रखने की कोशिश है।

गौरतलब हैकि 2017 में मुकुल रॉय टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी को वहां 42 सीटों में से 18 पर जीत मिली थी। इसका बड़ा श्रेय बीजेपी ने मुकुल रॉय के दबदबे को दिया था। उसके बाद टीएमसी के दूसरे बहुत से नेता बीजेपी के खेमे में गए। सुवेंदु भी इनमें से एक थे। मुकुल और सुवेंदु के बीच के संबंध अच्छे नहीं बताए जाते हैं। सुवेंदु मंगलवार को दिल्ली में थे और पीएम और शाह के साथ उनकी मीटिंग हुई थी।