कोरोना विषाणु का ओमीक्रान बहुरूप, उसके डेल्टा बहुरूप से तेजी से आगे निकाल रहा है। पूरी दुनिया में इस बहुरूप से संक्रमण के मामले अब ज्यादा सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। डब्लूएचओ की ओर से जारी कोरोना महामारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक तीन से नौ जनवरी वाले सप्ताह में विश्व भर में कोविड के 1.5 करोड़ नए मामले आए जो उससे पहले के सप्ताह की तुलना में 55 फीसद अधिक हैं, जब करीब 95 लाख मामले आए थे।

पिछले सप्ताह करीब 43,000 मरीजों की मौत के मामले आए थे। नौ जनवरी तक, कोरोना के 30.40 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके थे और 54 लाख से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी थी। वैश्विक स्वास्थ्य एजंसी के अधिकारी ने कहा कि इस बात के साक्ष्य बढ़ रहे हैं कि ओमीक्रान प्रतिरक्षा शक्ति से बच निकल सकता है लेकिन अन्य बहुरूपों की तुलना में इससे बीमारी की गंभीरता कम है। डब्लूएचओ में संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी एवं ‘कोविड-19 टेक्निकल लीड’ मारिया वान केरखोव ने कहा कि कुछ देशों में ओमीक्रान को डेल्टा पर हावी होने में समय लग सकता है क्योंकि यह उन देशों में डेल्टा बहुरूप के प्रसार के स्तर पर निर्भर करेगा।

केरखोव ने आनलाइन प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा कि ओमीक्रान उन सभी देशों में मिला है जहां जीनोम अनुक्रमण की तकनीक अच्छी है और संभवत: यह दुनिया के सभी देशों में मौजूद है। यह फैलने के लिहाज से, बहुत तेजी से डेल्टा से आगे निकल रहा है। और इसलिए ओमीक्रान हावी होने वाला बहुरूप बन रहा है जिसके मामले सामने आ रहे हैं।

उन्होंने इस बारे में भी आगाह किया कि डेल्टा बहुरूप की तुलना में भले ही ओमीक्रान से बीमारी के कम गंभीर होने को लेकर कुछ जानकारियां हैं, लेकिन यह हल्की बीमारी नहीं है क्योंकि ओमीक्रान के चलते भी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ ही रही है।विश्व स्वास्थ्य संगठन में संक्रामक रोग महामारी विज्ञानी मारिया वान केरखोव ने आनलाइन प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा, ‘ओमीक्रान उन सभी देशों में मिला है जहां जीनोम अनुक्रमण की तकनीक अच्छी है और संभवत: यह दुनिया के सभी देशों में मौजूद है। यह फैलने के लिहाज से, बहुत तेजी से डेल्टा से आगे निकल रहा है। और इसलिए ओमीक्रान हावी होने वाला बहुरूप बन रहा है जिसके मामले सामने आ रहे हैं।’

भारत में ओमीक्रान हावी : पाल

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने कहा कि स्पष्ट रूप से, ओमीक्रान बहुरूप भारत में अभी हावी है। उन्होंने लोगों से ओमीक्रान को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि यह स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि ओमीक्रान सामान्य सर्दी-खांसी नहीं है, इसे हल्के में नहीं ले सकते। हमें सतर्कता बरतने और टीका लगवाने की जरूरत हैं। वहीं, कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाते रहना होगा।