गुजरात में हालिया हिंसा के मद्देनजर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज राज्य के समावेशी विकास के ‘गुजरात मॉडल’ पर सवाल खड़ा किया। पटेल समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन में राज्य में हुई इस हिंसा में कई लोगों की मौत हुई है।

विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘यदि समावेशी विकास का ‘गुजरात मॉडल’ इतना ही सफल है तो आखिर इस प्रगति में हिस्सेदारी मांग रहे इतने सारे प्रदर्शनकारियों की मौत क्यों हुई?’’

गुजरात में तनाव बरकार है और पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन के दौरान मंगलवार से शुरू हुई झड़पों में मरने वालों की तादाद आज बढ़कर नौ हो गई तथा हिंसा पर लगाम लगाने के लिए शहरों में सेना तैनात की गई है।

पुलिस नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि पथराव के कुछ मामलों को छोड़कर राज्य में रात भर में किसी बड़ी हिंसा की सूचना नहीं मिली।

दाभोली इलाके में प्रदर्शनकारियों के साथ हुई झड़प में घायल हुए चौक बाजार पुलिस थाना के एक कांस्टेबल दिलीप राठौड़ ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिससे इस हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई। आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पटेल ने बुधवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था।

पुलिस ने बताया कि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की गोलीबारी में छह लोगों की मौत हो गई जबकि झड़प के बाद दो लोगों की मौत हुई। अहमदाबाद में चार, बनासकांठा जिला के गढ़ गांव में तीन और मेहसाणा शहर में एक व्यक्ति के मरने की सूचना मिली।