दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर में हुए हादसे का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। कुटुंब नाम के एक पब्लिक ट्रस्ट ने कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है। इस पीआईएल पर कोर्ट कल सुनवाई करेगा।
शनिवार को हुई भारी बारिश के बाद कोचिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई थी। संसद से लेकर सड़क तक इस मामले पर विरोध जारी है। ओल्ड राजेन्द्र नगर में छात्र बड़ी तादाद में जमा हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह ने कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच के सामने मंगलवार को सुनवाई के लिए मामले को रखा, जिसके बाद अदालत ने कहा कि यह मामला बुधवार को सुना जाएगा।
जनहित याचिका में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के उन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है, जिन्होंने 26 जून, 2024 को प्राप्त शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, जिसमें एक छात्र ने कोचिंग अवैध लाइब्रेरी चलाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
इसके अलावा जनहित याचिका में दिल्ली के हर जिले में जिला स्तरीय कमेटियों का गठन करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। ताकि संबंधित जिलों में इस तरह के अवैध निर्माण की जांच की जा सके और साथ ही उन कोचिंग संस्थानों की जांच की जा सके जो नियमों के खिलाफ चल रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, जनहित याचिका में दिल्ली के प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय समितियों का गठन करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है, ताकि संबंधित जिलों में अवैध वाणिज्यिक निर्माण की जांच की जा सके और साथ ही उन कोचिंग संस्थानों की जांच करने और रिपोर्ट संकलित करने के लिए समितियां बनाई जा सकें जो “अवैध तरीके से चल रहे हैं और मानक मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं”।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में 50% से अधिक कमर्शियल भवन अवैध तरीके से चल रहे हैं और उनमें से कई आवासीय क्षेत्रों में भी बिना किसी उचित मंजूरी के चल रहे हैं। इन सब पर कार्रवाई किए जाने का आदेश पारित करने के लिए भी लिखा गया है।