Okhla, Mustafabad, Chandni Chowk Delhi Vidhan Sabha Chunav Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को बड़ा झटका लगा और वह चुनाव हार गई। बीजेपी ने चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की और कांग्रेस का एक बार फिर खाता नहीं खुला। दिल्ली की सियासत में मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका है। दिल्ली में मुस्लिम बाहुल्य मानी जाने वाली छह में से पांच सीटों पर AAP उम्मीदवारों को सफलता मिली है। इस बार AAP को मुस्तफाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में छह सीट– सीलमपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला और बाबरपुर मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती हैं।
Delhi Vidhan Sabha Election/Chunav Result 2025: Check Here
आम आदमी पार्टी को 2015 और 2020 के विधानसभा के चुनाव में जो प्रचंड जनादेश मिला था, उसमें मुस्लिम मतदाताओं का उसे वोट देना एक बड़ा फैक्टर माना गया था। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर मुस्लिम नेताओं को उम्मीदवार बनाया था। ये सीटें- मटिया महल, बल्लीमारान, ओखला, सीलमपुर और मुस्तफाबाद हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने इन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे और भारी अंतर से ये सीटें जीती थीं।
बीजेपी ने नहीं उतारा कोई मुस्लिम उम्मीदवार
बीजेपी ने किसी भी सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारा। हालांकि बीजेपी की अल्पसंख्यक विंग ने ओखला, मुस्तफाबाद और सीलमपुर सहित कुछ और सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की। बसपा ने 5 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने इस बार 2 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया है। ओखला में शिफा उर रहमान और मुस्तफाबाद में मोहम्मद ताहिर हुसैन पार्टी के प्रत्याशी हैं।
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व वाली आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने चार सीटों- नरेला, किरारी, संगम विहार और छतरपुर पर मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया है। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने संगम विहार, मटिया महल, चांदनी चौक, बल्लीमारान, बदरपुर, जनकपुरी और मोती नगर सहित सात सीटों पर मुस्लिम नेताओं को चुनाव लड़ाया।
ओखला सीट से AAP के अमानतुल्लाह खान, चांदनी चौक से AAP के पुनरदीप सिंह साहनी, मटिया महल से AAP के आले मुहम्मद इकबाल, बल्लीमारान से AAP के इमरान हुसैन, सीमापुरी से AAP के वीर सिंह धींगान, सीलमपुर से AAP के चौधरी जुबेर अहमद, बाबरपुर से AAP के गोपाल राय, मुस्तफाबाद से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट, करावल नगर से बीजेपी के कपिल मिश्रा, जंगपुरा से बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह और सदर बाजार से AAP के सोमदत्त चुनाव जीते हैं।
मटिया महल सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल ने लगातार बढ़त बनाई हुई है। इस सीट से बीजेपी की दीप्ति इंदौरा दूसरे और कांग्रेस के आसिम अहमद खान तीसरे स्थान पर हैं। आले मोहम्मद इकबाल के पिता शोएब इकबाल इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं।
करावल नगर सीट पर बीजेपी के कपिल मिश्रा काफी आगे हैं। आम आदमी पार्टी के मनोज कुमार त्यागी दूसरे नंबर पर हैं जबकि कांग्रेस के डॉक्टर पीके मिश्रा तीसरे नंबर पर हैं।
चांदनी चौक विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने अच्छी बढ़त कायम रखी है। छह राउंड की वोटिंग के बाद आम आदमी पार्टी के पुनरदीप सिंह 18,474 वोटों से आगे चल रहे हैं। बीजेपी के सतीश जैन दूसरे और कांग्रेस के मुदित अग्रवाल तीसरे नंबर पर हैं।
बल्लीमारान सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार इमरान हुसैन ने छह राउंड की मतगणना के बाद भी बढ़त बना रखी है। इमरान हुसैन बीजेपी के उम्मीदवार कमल बागड़ी से 13,329 वोटों से आगे हैं। कांग्रेस के हारून यूसुफ तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। हारून यूसुफ को छह राउंड के बाद 7275 वोट मिले हैं।
दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं का लगभग सारा वोट कांग्रेस को मिलता था और इसके दम पर ही 1998 से 2013 तक लगातार तीन कार्यकाल तक कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार चलाई थी। लेकिन बाद में मुस्लिम मतदाताओं का वोट कांग्रेस से छिटककर आम आदमी पार्टी की ओर चला गया। यह लगभग तय है कि अगर दिल्ली के मुस्लिम मतदाता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बंटे तो इससे बीजेपी को फायदा हो सकता है।
मुस्तफाबाद सीट पर BJP बड़े मार्जिन से आगे चल रही है। यहां से असदुद्दीन औवैसी की पार्टी AIMIM की ओर से ताहिर हुसैन उम्मीदवार हैं। बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट AAP के आदिल अहमद खान और कांग्रेस के अली मेहदी से आगे चल रहे हैं। मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली में 5 बार विधायक रहे हैं।
करावल नगर सीट से बीजेपी के कपिल मिश्रा बढ़त बनाते हुए दिख रहे हैं।
बल्लीमारान सीट से आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन आगे चल रहे हैं।
सीलमपुर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के चौधरी जुबैर अहमद आगे चल रहे हैं।
मुस्तफाबाद सीट पर AAP और BJP के अलावा कांग्रेस और AIMIM के प्रत्याशियों ने भी मजबूती से चुनाव लड़ा। इससे मुस्तफाबाद सीट पर चौतरफा मुकाबला देखने को मिला था। असदुद्दीन औवैसी की पार्टी AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया था। ताहिर हुसैन को चुनाव लड़ने के लिए अदालत ने शर्तों के साथ जमानत दी थी। इस सीट से बीजेपी ने मोहन सिंह बिष्ट, AAP ने आदिल अहमद खान और कांग्रेस ने अली मेहदी को टिकट दिया। मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली में 5 बार विधायक रहे हैं।
बाबरपुर सीट पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने अनिल वशिष्ठ और कांग्रेस ने हाजी मोहम्मद इशराक खान को उम्मीदवार बनाया है। पिछले दो चुनाव में गोपाल राय ही यहां से चुनाव जीते हैं।
दिल्ली की मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों में बल्लीमारान के रिजल्ट पर भी लोगों की नजर है। बल्लीमारान में आम आदमी पार्टी से इमरान हुसैन, बीजेपी से कमल बागड़ी तो कांग्रेस से हारून यूसुफ चुनाव मैदान में हैं। इमरान हुसैन आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री हैं। हारून यूसुफ दिल्ली में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
मटिया महल विधानसभा सीट चांदनी चौक लोकसभा सीट का हिस्सा है। यहां से कांग्रेस ने असीम अहमद खान, बीजेपी ने दीप्ति इंदौरा, आम आदमी पार्टी की ओर से आले मोहम्मद इकबाल चुनाव लड़ रहे हैं। आले मोहम्मद इकबाल इस सीट से पांच बार विधायक रहे शोएब इकबाल के बेटे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीलमपुर सीट पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है लेकिन कांग्रेस भी यहां मुकाबले में है। आम आदमी पार्टी से चौधरी जुबैर अहमद, बीजेपी से अनिल गौड़ और कांग्रेस के टिकट पर अब्दुल रहमान चुनाव मैदान में हैं।
ओखला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं लेकिन इस बार कांग्रेस की उम्मीदवार अरीबा खान उन्हें टक्कर देती दिख रही हैं। अरीबा खान के पिता आसिफ मोहम्मद खान दिल्ली कांग्रेस के बड़े नेता हैं और इस विधानसभा सीट से दो बार विधायक और इस इलाके में दो बार पार्षद रह चुके हैं। एआईएमआईएम ने यहां से जामिया मिलिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा-उर-रहमान को मैदान में उतारा है। ओखला सीट पर 52% मुस्लिम आबादी है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों को गिनती 8 बजे से शुरू होगी। राष्ट्रीय राजधानी में बल्लीमारान, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, मटिया महल और ओखला से मुस्लिम उम्मीदवारों को ही चुनाव में जीत मिलती रही है। इसके अलावा सीमापुरी, चांदनी चौक, सदर बाजार, बाबरपुर, गांधी नगर, किराड़ी, जंगपुरा व करावल नगर भी ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम समुदाय हार-जीत का फैसला करने की क्षमता रखता है।