केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कार्यशैली का असर गृह मंत्रालय के अधिकारियों पर भी नजर आ रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों के लेकर स्पष्ट नजरिया रखने वाले शाह गृह मंत्रालय में अधिकारियों से भी ऐसी ही अपेक्षा रखते हैं।
वहीं, मंत्रालय के अधिकारी भी अपने मंत्री की उम्मीदों पर खड़ा उतरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि अधिकारी अपने मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान अपने विभाग से जुड़े आंकड़ों को रट कर उनके सामने पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि ऐसा सामान्य रूप से शिष्टाचार मुकालात के दौरान भी देखने को मिल रहा है।
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली विभिन्न एजेंसियोंऔर बलों के प्रमुख अमित शाह के साथ मुलाकात से पहले अपनी सफलता के आंकड़ों को रट रहे हैं। इनमें से कुछ अधिकारी ऐसे भी है जो शाह के साथ छोटी सी मुलाकात के दौरान आंकड़ों के लेकर हड़बड़ा जा रहे हैं। वहीं, कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो चाहते हैं मंत्रीजी उनसे कोई सवाल विशेष ना पूछें।
हालांकि, काम को लेकर गंभीरता का वाला रवैया शाह के लिए नया नहीं है। शाह के साथ काम करने वाले भाजपा के पदाधिकारी बताते हैं कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में शाह उन लोगों को कभी भी फोन कर देते थे। इतना ही नहीं पार्टी अध्यक्ष रहने के दौरान वे जो भी काम देते थे उसके साथ उसे पूरा करने की समय सीमा भी तय कर देते थे।
सुबह 10 बजे ऑफिस पहुंच जाते हैं शाहः केंद्रीय गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद से मंत्रालय के कामकाज का तरीका ही बदल गया है। शाह सुबह 10 बजे ही नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने दफ्तर पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं वे देर शाम तक अपने दफ्तर में रुकते हैं। ऐसे में उनके जूनियर मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों को भी देर तक ऑफिस में ही रुकना पड़ता है।
गृह मंत्रालय के कवर करने वाली एक महिला पत्रकार ने बताया कि उन्होंने चार गृह मंत्रियों का कार्यकाल देखा है लेकिन कोई भी इतने लंबे समय तक अपने दफ्तर में नहीं रुकता था। शाह अपना लंच भी अपने ऑफिस में ही करते हैं। इससे पहले राजनाथ सिंह जब गृह मंत्री थे तो वह लंच में घर चले जाते थे। इसके बाद वह घर से ही काम करते थे। राजनाथ सिंह महत्वपूर्ण बैठकें भी अपने घर पर ही करते थे।