ओडिशा बालसौर ट्रेन हादसा इतना दर्दनाक था कि आज तक 28 शवों की पहचान तक नहीं की जा सकी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक दिलीप परिदा ने कहा कि शवों को एम्स भुवनेश्वर में खास फ्रीजर में रखा गया है। परिदा ने कहा, “हमें लगता है कि कोई और इन लाशों को ढूंढने अब सामने नहीं आएगा क्योंकि पिछले 10 दिनों में कोई नहीं आया है।”
एक अधिकारी ने कहा कि उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद शवों को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा क्योंकि मामला अब CBI के पास चला गया है। एम्स भुवनेश्वर को दो अबतक 162 शव मिले हैं जिनमें से 28 शव की पहचान नहीं की जा सकी है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान लैब में DNA का मिलान करने के बाद शवों को दावेदारों को सौंप दिया जा रहा है। उन्होने कहा, “28 शव अभी भी हमारे पास हैं। हम लावारिस शवों की आगे के प्रोसेस के लिए रेलवे मंत्रालय के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।”
दिल दहला देने वाली थी घटना
चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस एक मालगाड़ी और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से जा टकराई थी। यह घटना इतनी भयानक थी कि कि इसे देश की सबसे भयानक दुर्घटनाओं में शामिल कहा गया। दुखद दुर्घटना में कम से कम 295 लोग मारे गए और 1200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर हाल ही में CBI ने एक चार्जशीट दायर की है, जिसमें 3 लोगों को लापरवाही बरतने के लिए मुख्य आरोपी बनाया गया है।
CBI ने दायर की चार्जशीट
सीबीआई ने तीन रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जिन्हें पहले बालासोर ट्रेन दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, इस हादसे में लगभग 290 लोग मारे गए थे और कई सौ घायल हुए थे। जुलाई में इन तीनों रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
समें सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं। इन लोगों पर गैर इरादतन हत्या और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है।