ओडिशा रेल हादसे के करीब 50 घंटे बाद दुर्घटनास्थल पर फिर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई। रविवार की रात लगभग 10.40 बजे पहली मालगाड़ी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने सैकड़ों मीडियाकर्मियों और रेलवे अधिकारियों की उपस्थिति में रवाना किया। कोयला ले जाने वाली ट्रेन विजाग बंदरगाह से राउरकेला स्टील प्लांट की ओर रवाना हुई और उसी ट्रैक पर दौड़ी जहां बैंगलोर-हावड़ा ट्रेन (Bangalore-Howrah train) दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।
मालगाड़ियां एक्सीडेंट साइट से गुजरीं
इसके तुरंत बाद दो और मालगाड़ियां एक्सीडेंट साइट से गुजरीं। अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर वीडियो शेयर करते हुए लिखा “डाउन-लाइन बहाली पूर्ण हुई। सेक्शन पर पहली ट्रेन की आवाजाही शुरू हुई।” शनिवार रात और रविवार के दौरान 1,000 से अधिक कर्मचारियों और रेलवे अधिकारियों ने युद्धस्तर पर काम किया, जिसके कारण ट्रेनें फिर से साइट पर चलने लगीं। रविवार शाम तक मलबा साफ कर दिया गया था और ट्रैक ट्रायल रन के लिए तैयार हो गया।
सोमवार सुबह जहां पर दुर्घटना हुई थी, वहां से पैसेंजर ट्रेन को भी रवाना किया गया। यानी पैसेंजर ट्रेनों के लिए भी ट्रैक पूरी तरह से तैयार है। जब पैसेंजर ट्रेन गुजरी तो वहां पर भारी संख्या में मजदूर, पुलिसकर्मी और रेलवे के अधिकारी मौजूद थे।
दुर्घटना स्थल पर सात पॉकेटिंग मशीन, एक 140-टन वाला रेलवे क्रेन और चार सड़क क्रेन सहित भारी मशीनरी तैनात की गई थी। शनिवार रात से घटनास्थल पर मौजूद अश्विनी वैष्णव के अनुसार मंगलवार रात या बुधवार सुबह तक सेवाओं की पूरी बहाली की उम्मीद है।
पीएम ने हमारा हौंसला बढ़ाया: रेल मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने रविवार देर रात घटना स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जिस तरह से प्रधानमंत्री इस स्थल पर आए और हमारा नेतृत्व किया, टीम को प्रेरित किया, इससे टीम मजबूत हुई और उन्होंने देश में व्यवस्था को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर दिन-रात काम किया। जैसा कि आपने देखा आज रात तीन ट्रेनें जा चुकी हैं और सात ट्रेनों को रवाना करने की योजना है। हमें इसे सामान्य स्थिति की ओर ले जाना है।”
बात करते हुए रेल मंत्री भावुक हो गए और कहा, “जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके साथ पूरी सहानुभूति है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि उनके शव उन तक पहुंचें। उनके प्रति हमारा दायित्व खत्म नहीं हुआ है। हादसे के तुरंत बाद बालासोर, सोरो और भद्रक जिला प्रशासन ने बचाव अभियान शुरू किया। जब तक बचाव कार्य समाप्त हुआ, तब तक बहाली का काम जोरों पर था। दोनों मुख्य लाइनों पर काम पूरा हो चुका है। अब ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन का काम चल रहा है।”
रेलवे अधिकारियों ने काम के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया। घटना स्थल पर रेलवे पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात की गई थी। रेलवे अधिकारियों और तकनीकी कर्मियों के अलावा 1,000 से अधिक कर्मचारी साइट पर बने रहे। रविवार सुबह तक बहनागा बाजार स्टेशन पर पटरी से उतरने के कारण पलटी सभी 21 बोगियों को हटा दिया गया और नई पटरियां बिछा दी गईं थीं।