Odisha PM Awas Yojana Implementation: ओडिशा के मयूरभंज जिले में प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन में खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की है। कार्रवाई के तहत प्रशासन ने 843 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। जिला कलेक्टर हेमकांत साय ने ब्लॉक विकास अधिकारियों (BDOs) को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने PMAY में मयूरभंज जिले के प्रदर्शन को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
जिला कलेक्टर ने कहा है कि ऐसे अफसरों का वेतन रोक दिया जाए जिनका प्रदर्शन खराब है।
जिला कलेक्टर ने पत्र में कहा है कि बार-बार निर्देश दिए जाने और निगरानी के बाद भी ग्रामीण आवासों का निर्माण कार्य संतोषजनक नहीं है। कुल 1,016 अफसरों में से 843 का प्रदर्शन बेहद खराब है और एक साल पूरा होने के बाद भी वे कुल निर्माण कार्य का 63% भी पूरा नहीं कर पाए हैं।
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि इन 843 अफसरों का वेतन अक्टूबर से लेकर तब तक जारी नहीं किया जाए जब तक वह अपने लक्ष्य का 63% हासिल नहीं कर लेते। ओडिशा में PMAY का लक्ष्य प्राप्ति का औसत 63% है।
लक्ष्य की निगरानी करने का निर्देश
जिला कलेक्टर ने कहा है कि इस योजना के तहत घरों का निर्माण कार्य पूरा करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सभी को निर्देश दिया है कि वह अपने लक्ष्य की निगरानी करें।
कलेक्टर ने पत्र में यह भी कहा है कि उन्हें सैलरी रोकने की कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा है क्योंकि जब तक पिछला काम यानी बैकलॉग पूरा नहीं हो जाता तब तक जिले को ज्यादा हाउसिंग यूनिट नहीं मिलेंगी।
क्या है PMAY?
इस योजना को जून, 2015 में भारत सरकार के द्वारा शुरू किया गया था। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती दरों पर घर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी।
PMAY के दो भाग हैं। पहला शहरी क्षेत्रों के लिए (PMAY-U) और दूसरा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए (PMAY-G या PMAY-R)। PMAY-U शहरी गरीबों की जबकि PMAY-G/R ग्रामीण गरीबों की घरों की जरूरतों को पूरा करता है।