ओडिशा में एक डॉक्टर ने सेवा भाव की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसके बारे में सुनकर हर कोई डॉक्टर की तारीफ कर रहा है। दरअसल डॉक्टर और एंबुलेंस का ड्राइवर एक मरीज को अपने कंधों पर लादकर 5 किलोमीटर तक उबड़-खाबड़ और चढ़ाई वाले रास्ते पर पैदल चले और मरीज को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचायी। घटना ओडिशा के मल्कानगिरी जिले की है।

खबर के अनुसार, डॉक्टर शक्ति प्रसाद मिश्रा एक आयुर्वेदिक फिजिशियन हैं और फिलहाल मल्कानगिरी जिले के खैरापुट ब्लॉक में एक मोबाइल हेल्थ यूनिट पर तैनात हैं। यह मोबाइल हेल्थ यूनिट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करती है। खबर के अनुसार मंगलवार सुबह डॉक्टर शक्ति प्रसाद को सूचना मिली कि बडादुरल पंचायत के गांव नुआगाडा में एक किशोर युवक कुमुलु किरसानी बीमार है।

युवक अनाथ था और उसकी देखभाल के लिए कोई भी उसके साथ नहीं था। सूचना पाकर डॉक्टर शक्ति प्रसाद एंबुलेंस और ड्राइवर के साथ मरीज के इलाज के लिए गांव के लिए निकल गए। लेकिन गांव से पांच किलोमीटर दूर ही उन्हें अपनी एंबुलेंस छोड़नी पड़ी। दरअसल जिस गांव में किशोर रहता है, वहां जाने के लिए सड़क मार्ग नहीं है और पहाड़ी और जंगल के उबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गांव जाना पड़ता है।

युवक के पास पहुंचकर डॉक्टर शक्ति प्रसाद ने देखा कि मरीज की हालत काफी गंभीर है और उसे तुरंत ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ेगा। अब चूंकि एंबुलेंस गांव से पांच किलोमीटर दूर खड़ी थी, इसलिए मरीज को कैसे अस्पताल लेकर जाएं, इसे लेकर सवाल खड़ा हो गया। इस पर डॉक्टर ने सेवा भाव की मिसाल पेश करते हुए एंबुलेंस के ड्राइवर के साथ मिलकर मरीज को लकड़ी और रस्सी से बांधकर कंधे पर लादा और पांच किलोमीटर तक खराब और पहाड़ी रास्ते से गुजरते हुए उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया।

इसके बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी जान बच सकी। डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि जब मरीज को बचाने का कोई और रास्ता नहीं था तो एंबुलेंस ड्राइवर गोबिंद नागुलु और मैंने फैसला किया कि हम उसे कंधे पर लादकर एंबुलेंस तक ले जाएंगे। डॉ मिश्रा ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के रहने वाले हैं और मल्कानगिरी जिले के रिमोट इलाकों में साल 2012 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

डॉ. शक्ति प्रसाद मिश्रा ने बताया कि ‘जीवन बचाकर एक डॉक्टर को जो खुशी मिलती है, वह शानदार होती है और यह एक खुशी देती है।’