नूंह में हिंसा के बाद 31 जुलाई से बंद स्कूल 12 दिन बाद दोबारा खुले। हरियाणा के नूंह में स्कूल शुक्रवार को फिर से खुले तो कम उपस्थिति देखी गई। इस दौरान स्कूलों में खाली कक्षाएं और खाली खेल के मैदान देखने को मिले। गुरुवार को नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा ने शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की घोषणा की लेकिन पहले दिन बहुत कम छात्र आए।
शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी हालांकि, 8 अगस्त से स्कूल आ रहे थे। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में टीचर दिनेश गोयल ने कहा कि यह सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि एक सामाजिक क्षति है। नूंह के बारे में पहले कोई नहीं जानता था लेकिन अब सब जानते हैं, हिंसा के कारण।
नूंह में मोबाइल और SMS पर बैन
हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को नूंह जिले में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर बैन 13 अगस्त तक बढ़ा दिया। हरियाणा के गृह सचिव द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि जिले में हालात अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण हैं। बयान में कहा गया है, ”उपायुक्त नूंह द्वारा मेरे संज्ञान में यह लाया गया है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है और जिले में स्थितियां अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण हैं। वर्तमान प्रचलित कानून के आकलन के बाद और उपायुक्त, नूंह की सिफारिश पर मेरा मानना है कि सार्वजनिक उपयोगिताओं में व्यवधान, सार्वजनिक संपत्तियों और सुविधाओं को नुकसान होने की स्पष्ट संभावना है।”
मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तरीके ढूंढने को कहा
वहीं, मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके ढूंढने को कहा है। अदालत ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की। राज्य में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। न्यायमूर्ति ए. बिमल सिंह और न्यायमूर्ति ए. गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया, ‘‘राज्य प्रशासन, खासकर गृह विभाग को चरणबद्ध तरीके से मोबाइल फोन के जरिये इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके तैयार करने पर विचार करना चाहिए।’’
पीठ ने कहा कि राज्य प्रशासन को इस पहलू पर विचार करने और अगले दिन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मणिपुर सरकार ने ब्रॉडबैंड सेवाओं के जरिए इंटरनेट सेवा पर से नरमी बरतते हुए पाबंदी हटाने के लिए जरूरी आदेश जारी किये थे। वकील ने कहा कि यह कुछ नियम और शर्तों को पूरा करने पर निर्भर करता है और फिलहाल कई नागरिक इस तरह की इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।