असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने दावा किया है कि असम में अभी राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का काम पूरा नहीं हुआ है। बीजेपी नेता ने कहा है कि काम अभी अधूरा है और बराक घाटी क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं के साथ “न्याय” किए जाने की जरूरत है। सरमा ने आरोप लगाया कि पूर्व समन्वयक प्रतीक हजेला की वजह से एनआरसी का काम पूरा नहीं हो सका है।

करीमगंज जिले में एक बैठक के दौरान सरमा ने कहा, “हमने बराक घाटी के हिंदुओं को न्याय दिलाने का वादा किया है। एनआरसी, प्रतीक हजेला के कारण अधूरा रह गया है। हमने लगभग 90 फीसदी काम किया है … हमें अभी भी हिंदुओं को न्याय दिलाने के लिए कुछ काम करने की जरूरत है।”

सरमा ने कहा, “मां भारती को मानने वाले हजारों लोग अब भी डिटेंशन कैंप में सड़ रहे हैं।” बीजेपी नेता ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में शासन में एक “नया बैंचमार्क” स्थापित किया है। असम एनआरसी की अंतिम सूची पिछले साल अगस्त में प्रकाशित हुई थी। करीब 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19.22 लाख लोगों को सूची से बाहर कर दिया गया था। बीजेपी ने इस सूची की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि इसमें कई वास्तविक नागरिकों विशेष रूप से 1971 के पहले बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को बाहर कर दिया गया है।

असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने इस साल 31 अगस्त को विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार ने बांग्लादेश की सीमा से सटे जिलों में 20 प्रतिशत नाम और बाकी हिस्से में 10 प्रतिशत नामों के पुन: सत्यापन के लिए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है।