केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक जुलूस की वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाकर तुरंत एक्शन लेने की मांग कर रहे सॉलीसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ भड़क गए। वो बोले कि 28 की तारीख दे तो दी है। आप हमें अब बंधक नहीं बना सकते। सॉलीसिटर जनरल को झिड़कने के बाद उन्होंने अपने स्टाफ से कहा कि दूसरे केस को सुनवाई के लिए लगाईए।

दरअसल, सॉलीसिटर जनरल केरल में निकाले गए पीएफआई के एक जुलूस की वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाकर कह रहे थे कि एक बच्चा नारे लगाते दिख रहा था। उनका कहना था कि माई लॉर्ड इस क्लिप को तो देखिए। हमें इसे देखने से कतरा क्यों रहे हैं। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि दूसरे पक्ष के वकील के भी हमारे पास कई क्लिप लेकर आए थे। लेकिन हमने उन्हें भी कहा कि जो चीज रिकॉर्ड पर नहीं है उसे लेकर मत आईए। हम सभी के साथ एक तरह का बर्ताव करेंगे।

जब तक राजनीति और धर्म को अलग नहीं करेंगे तब तक हेट स्पीच नहीं रुकेगी- कोर्ट

जस्टिस जोसफ ने कहा कि जब तक राजनीति और धर्म को अलग नहीं करेंगे तब तक ऐसा होता रहेगा। उनका कहना था कि हम आपको कई बार कह चुके हैं। लेकिन हमें लगता नहीं है कि आप बातों को गंभीरता से लेते हैं।

एसजी तुषार मेहता का जवाब था कि दिक्कत तो यही है कि हम सारी चीजों को गंभीरता से ले रहे हैं। उनका कहना था कि याचिककर्ता को सिलेक्टिव नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कि ये शख्स अपने सूबे केरल के मामले कोर्ट के सामने नहीं लेकर आ रहा है। अगर अदालत को इस बात का पता है तो स्वतः संज्ञान लिया जाना बेहद जरूरी है।

एसजी ने तमिलनाडु और केरल के मामलों का हेट स्पीच के तहत उल्लेख किया। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि सरकार को अपनी रणनीति बताने दीजिए। एसजी का कहना था कि राज्य सरकार के पास इस तरह के मामलों से निपटने के लिए तमाम तरीके हैं। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हेट स्पीच के मामलों में अवमानना बनती है। एसजी की दलील थी कि अवमानना की तलवार क्यों होनी चाहिए। हम कुछ न कुछ ठोस योजना लेकर आएंगे।

अवमानना की बात कह जस्टिस बोले- हमारे आदेश की पालना जरूरी

जस्टिस जोसेफ ने कहा कि अवमानना की कार्रवाई जरूरी है। ये संदेश नहीं जाना चाहिए कि हमने कोई आदेश पारित किया जिसे नजरंदाज कर दिया गया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट जो कहता है उसे हर हाल में लागू किया जाना चाहिए।