कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने दाल के चढ़ते दामों पर चिंता जाहिर करते हुए बुधवार को कहा कि चुनावी फायदे के लिये भाजपा द्वारा करायी गयी ‘चाय पर चर्चा’ के बाद अब ‘दाल पर चर्चा’ कराने का वक्त आ गया है।

प्रसाद ने पिछले महीने बरेली में पशु तस्करों के हाथों शहीद हुए दारोगा मनोज मिश्र के परिजन से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि गत अप्रैल-मई में बेमौसम बारिश के कारण दाल के उत्पादन में भारी गिरावट का अंदेशा पहले से ही था। ऐसे में केंद्र सरकार को समय से दाल खासकर अरहर का आयात सुनिश्चित कराना चाहिये था लेकिन ऐसा नहीं किया गया, नतीजतन अरहर की दाल के दाम 200 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गये हैं।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा ने वोट हासिल करने के लिये ‘चाय पर चर्चा’ खूब करायी लेकिन अब वक्त आ गया है कि दाल पर भी चर्चा हो जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए प्रसाद ने कहा ‘‘मोदी जी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपनी रैलियों में अक्सर कहते थे कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। मुझे अब महसूस हुआ कि वह अरहर की दाल के बारे में बात कर रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि यह कितने आश्चर्य की बात है कि अरहर की दाल श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों में सस्ती है लेकिन भारत में इसके दाम आसमान छू रहे हैं। आम आदमी की थाली से दाल गायब हो रही है।

प्रसाद ने उत्तर प्रदेश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि वह पिछले महीने बरेली में पशु तस्करों को रोकने के दौरान शहीद हुए दारोगा मनोज मिश्र के परिजन के साथ न्याय करने में बुरी तरह विफल रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मिश्र के परिजन की मांग का ख्याल करते हुए वारदात की सीबीआई जांच की सिफारिश के साथ-साथ शहीद पुलिसकर्मी के परिजन को तुरन्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करानी चाहिये।

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