देश का सबसे बड़ा न्यायिक मंच सुप्रीम कोर्ट जनता के लिए खुल गया है। अब से आम लोग भी यहां आकर घूम-फिर सकेंगे और इससे जुड़ी अहम बातें जान पाएंगे। खास बात है कि यह सुविधा नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई के फैसले की वजह से शुरू हुई है। उन्होंने इस बारे में न तो किसी को बताया था और न ही साथी जजों से सलाह मशविरा किया था।
गुरुवार (एक नवंबर, 2018) को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ‘गाइडेड टूर प्रोग्राम’ की लॉन्चिंग पर इसके लिए माफी भी मांगी। वह बोले, “मैं साथी जजों से माफी चाहता हूं, क्योंकि मैंने आप लोगों की इस सुविधा (आम जनता के लिए शीर्ष अदालत को खोलना) को शुरू करने के लिए इजाजत नहीं ली। ऐसे में मैं अब आप सभी से इसके लिए मंजूरी चाहूंगा। यह फैसला पूरी तरह से मेरा ही था। मैं आप में से किसी से भी इस संबंध में सलाह-मशविरा नहीं किया। मैं इसके लिए माफी चाहता हूं। पर मुझे उम्मीद है कि आप लोग मुझे माफ कर देंगे।”
बकौल गोगोई, “यह एक प्रयोग है। सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था को इसके तहत आम लोगों के लिए खोला गया है, जबकि पहले तक एक खास वर्ग ही वहां पहुंच पाता था।” आपको बता दें कि इस सुविधा में आम लोग शनिवार के दिन सुप्रीम कोर्ट में आकर घूम सकेंगे। लेकिन इसके लिए पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा।
सीजेआई ने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट एक सार्वजनिक संस्था है और इसे आम लोगों के लिए शनिवार के दिन (कोर्ट में छुट्टी का दिन) खुला होना चाहिए।” उन्होंने इसके अलावा सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग का उद्घाटन करने के बाद उस पोर्टल को लॉन्च किया, जिसके जरिए कोर्ट घूमने के लिए लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के टूर से जुड़ी ये हैं अहम बातें: आम जनता कोर्ट परिसर में जज लाइब्रेरी का दीदार कर सकेगी। वहां लोगों को एजुकेशन संबंधी फिल्म दिखाई जाएगी। यह टूर शनिवार (तीन नवंबर) से शुरू होगा। इच्छुक लोगों को इसके लिए एडवांस बुकिंग करानी पड़ेगी, जो कि इंटरनेट के जरिए होगी। हालांकि, जिस दिन शनिवार को कोई छुट्टी रहेगी, उस दिन यह टूर नहीं होगा। लोगों को कोर्ट परिसर में सुबह 10 बजे से साढ़े 11 बजे के बीच ही घूमने का मौका मिलेगा। 20-20 लोगों के बैच में कोर्ट का टूर कराया जाएगा।
