राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है। हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को दिया, लेकिन महज एक महिला प्रत्याशी जीत कर विधानसभा पहुंची। वहीं कांग्रेस पर आरोप भी लगा कि कांग्रेस को यूपी में नतीजों के बारे पता था, इसलिए पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को टिकट दिया जबकि गोवा और पंजाब में नहीं दिया। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर एक बहस हुई, जिसमे आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता भी मौजूद थे।
चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर पैनल डिस्कशन में बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह और आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा के बीच कई बार तीखी बहस हुई। बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह ने पहले आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री को शामिल नहीं किया। बीजेपी प्रवक्ता के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी के विधायक भड़क गए।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता के इन आरोपों के बाद आप विधायक संजीव झा ने पलटवार करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली बीजेपी जय सिया राम के नारे न लगाकर जय श्री राम कहती है। दोनों के बीच कई बार नोकझोंक हुई और इस पर आप विधायक संजीव झा ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम हर समय टीवी बहस में लगे रहते हैं,इसलिए हम एक-दूसरे के साथ झगड़ने के आदी हो गए हैं।
बहस में कांग्रेस नेता अलका लांबा भी शामिल थीं और उन्होंने कहा कि महिलाओं को अभी बहुत से पड़ाव पर करने हैं, चुनौतियां बहुत हैं। वहीं बहस में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “हम राजनीतिक दलों पर महिलाओं को पर्याप्त टिकट न देने का आरोप लगाते हैं, लेकिन क्या समाज महिला नेताओं को स्वीकार करने को तैयार है? क्या भारतीय समाज में महिलाओं का आगमन हुआ है?”
समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी भी पैनल डिस्कशन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सच में सशक्तिकरण और महिलाओं के हक की बात करने की जरूरत है।