स्‍वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड और नार्वे में सार्वजनिक प्रसारणकर्ताओं के एक समूह ने नया वृत्तचित्र तैयार किया है, जिसमें उत्तर सागर एवं बाल्टिक क्षेत्र में समुद्री ऊर्जा व डेटा बुनियादी ढांचे को जबरदस्त खतरा होने की बात सामने आई है। इस छद्म युद्ध में रूसी अनुसंधान पोत एडमिरल व्लादीमिर्स्की की एक फुटेज शामिल है, जिसमें पवन चक्कियों, गैस पाइपलाइन, ऊर्जा और इंटरनेट केबल से कथित तौर पर डेटा एकत्र किया जा रहा है।

समूह ने कहा है कि रूस उत्तर सागर में समुद्री बुनियादी ढांचे के खतरे की व्यवस्थित रूप से ‘मैपिंग’ कर रहा है। यह रूस को कमजोर बिंदुओं के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करेगा, जैसे कि वे स्थान जहां जल के नीचे ऊर्जा और डेटा केबल एक दूसरे को पार करते हैं, जो हमले का आसान निशाना बन सकते हैं।

इस हफ्ते ब्रिटिश प्रेस में आई खबरों में समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञों ने यह चिंता जताई है। लंबे समय से रूसी सैन्य बल पवन चक्कियों, संचार केबल और पाइपलाइन सहित समुद्री बुनियादी ढांचे पर नजर रखे हुए हैं। 1990 और 2000 के दशकों में, जब उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) कुछ सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग कर रहा था, तब नार्डिक जल क्षेत्र में रूसी जासूसी गतिविधियां कभी नहीं रोकी गर्इं।

वर्ष 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा किए जाने के बाद से ये गतिविधियां तेज हो गई। आयरिश, पुर्तगाली और भूमध्यसागरीय जल क्षेत्र सहित पूरे यूरोपीय जल क्षेत्र में रूसी पोत जासूसी गतिविधियों में लिप्त देखे गए हैं। दरअसल, उत्तर सागर की गैस एवं तेल आपूर्ति पूरे यूरोपीय ऊर्जा बाजार के लिए एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। हरित ऊर्जा के उत्पादन पर जोर देना बढ़ने से रणनीतिक महत्व कहीं अधिक बढ़ गया है। इस क्षेत्र में 40 से अधिक पवन चक्की क्षेत्र हैं।