गगनचुंबी इमारतों और अत्याधुनिक सुविधा संपन्न वैश्विक शहर के रूप में पहचान बना चुके नोएडा में मृत पशुओं के शव को दफनाने के लिए जगह नहीं बची है। यहां पशुओं को दफनाने की व्यवस्था निशुल्क है, लेकिन कोई अपने पालतू को अंतिम विदाई देने के लिए लेकर यहां पहुंचता है तो उससे मनमानी रकम की मांग की जाती है। मोलभाव के बाद एक रकम लेकर दफनाने की जगह दी जाती है। उस रकम को स्वत: दिया हुआ दान बताकर रसीद दी जाती है, लेकिन वस्तुत: यह स्वत: दिया गया दान नहीं होता।
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सेक्टर- 94 में बने पशु आश्रय स्थल में भी इन्हें दबाने के लिए जगह नहीं बची है। इससे पशु पालकों को दिल्ली की दौड़ लगानी पड़ रही है। आश्रय स्थल का संचालन करने वालों के मुताबिक नियमत: दो फुट से अधिक गहरा गड्ढा खोदकर मृत पशु दबाए जाते हैं।
वर्षों से यहां मृत पशु दबाए जाने से थोड़ी सी भी खुदाई करने पर पहले से दफनाए गए पशुओं के अवशेष निकल आते हैं। लिहाजा अब यहां पर मृत कुत्ता, बिल्ली, गाय या सांड आदि के शवों को नहीं दबाया जा रहा है। यहां मृत पशुओं को दबाने के लिए लाने वाले उनके मालिकों को छतरपुर दिल्ली जाने की सलाह दी जा रही है। वहीं, नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग ने यहां पीएनजी कनेक्शन चालू होने से मृत पशुओं के अंतिम संस्कार की व्यवस्था शुरू कराने का दावा किया है।
‘बिलौटे को दफनाने के लिए देने पड़े 1500’
सेक्टर- 51 में रहने वाले एक व्यक्ति के सात वर्षीय पालतू बिलौटे को गत दिनों एक आवारा कुत्ते ने बुरी तरह से घायल कर दिया। परिवार वाले बिलौटे को पशु चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे, जहां उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया। बिलौटे के अंतिम संस्कार के लिए परिवार उसे लेकर सेक्टर- 94 स्थित पशु आश्रय स्थल पहुंचा, जहां पर कर्मियों ने जगह नहीं होने की वजह से उन्हें दिल्ली के छतरपुर ले जाने को कहा। मिन्नतें करने के बाद आश्रय स्थल पर एक कर्मचारी ने रजामंदी जताई लेकिन उनसे 2500 रुपए की रसीद कटवाने को कहा। बाद में 1500 रुपए की रसीद कटवाने के बाद उनके बिलौटे को दफनाया गया।
बेहद ज्यादा है खर्च, दान की है जरूरत : एनजीओ
सेक्टर- 94 में पशु आश्रय स्थल का संचालन करने वाले एनजीओ ‘आल क्रीचर्स ग्रेट एंड स्माल’ की संचालक अंजलि गोपालन ने स्पष्ट किया कि यहां पर मृत पशु के शव दफनाने के लिए जगह नहीं बची है। ऐसे में मृत पशु को छतरपुर दिल्ली ले जाने के लिए कहा जा रहा है। यहां करीब दो हजार बीमार गाय, कुत्ते, बिल्ली आदि हैं। जिनकी देखभाल में लाखों रुपए खर्च होते हैं। पशुओं की देखभाल में पशु चिकित्सकों समेत 64 कर्मचारी भी कम पड़ते हैं। पीएनजी कनेक्शन चालू होने के बाद स्थिति में सुधार आएगा।
अनुपयोगी हरित पट्टी में दबाए जा रहे हैं मृत पशु
जन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा ने बताया कि जब तक गैस कनेक्शन चालू नहीं है, तब तक के लिए प्राधिकरण ने अनुपयोगी पड़ी कुछ हरित पट्टी चिह्नित कर रखी हैं। जहां पर मृत पशुओं को दफनाया जा रहा है। मृत पशु की सूचना उनके मालिक प्राधिकरण स्तर पर देकर इसे करा सकते हैं। उन्होंने पीएनजी कनेक्शन चालू होने तक सेक्टर- 94 स्थित पशु आश्रय स्थल पर संबंधित प्राधिकरण कर्मियों के मोबाइल नंबर सहित बोर्ड लगवाने का दावा किया है।
एक से दो सप्ताह में चालू हो जाएगी पीएनजी : प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण (जन स्वास्थ्य) के अधिकारियों के मुताबिक बिजली के अक्सर गुल रहने या वोल्टेज में कमी के कारण काम सुचारु ढंग से नहीं हो पा रहा था। पीएनजी गैस के कनेक्शन के लिए आवेदन और इंसीनेटर मशीन लगाई गई है। एक से दो सप्ताह भीतर गैस कनेक्शन चालू होने की उम्मीद है। उसके बाद लाए जाने वाले पालतू कुत्ते, बिल्ली, गाय, बैल आदि का नि:शुल्क अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।