नोएडा के जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल यात्रियों को आधुनिक सुविधा, तकनीकी नवाचार और पर्यावरण अनुकूल डिजाइन का अनूठा मिश्रण पेश करेगा। हवाई अड्डे पर सूरज की रोशनी और ताजी हवा का मिश्रण मिलेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन बेहद कम होगा। इसके चलते यह भारत के सबसे पर्यावरण अनुकूल हवाई अड्डों में शामिल होगा।

हरे पेड़-पौधों और प्राकृतिक लैंडस्केपिंग के माध्यम से ऊर्जा प्रबंधन में दक्षता बढ़ाई गई है। प्रवेश करते ही यात्री खुली और ऊंची छत वाली विशाल जगह का अनुभव करेंगे, जहां सुरक्षा जांच के बाद एक शांत ‘काउट्रीयार्ड स्पेस’ मौजूद होगा। यहां यात्री बैठकर समय व्यतीत कर सकते हैं और वातावरण का आनंद ले सकते हैं। हवाई अड्डा संपर्क रहित और डिजिटल यात्रा (डिजी यात्रा) युक्त है। प्रवेश व बाह्य द्वार बायोमेट्रिक आधारित होंगे, जिससे यात्रियों को पूरी तरह से सहज और सुरक्षित अनुभव मिलेगा। टर्मिनल में 48 चेक-इन काउंटर, 20 सेफ बैग ड्राप स्थल और 9 इमिग्रेशन काउंटर हैं, जो देशी और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रवेश को तेज और आसान बनाएंगे। फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जुड़ेगा दिल्ली-वाराणसी रेल गलियारा, यात्रियों की सुविधाओं का रखा जाएगा ध्यान

सुरक्षा जांच में कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्स-रे मशीनें लगी हैं, जो विस्फोटक और अन्य खतरनाक वस्तुओं का स्वचालित पता लगाने में सक्षम हैं। मुख्य चरण में हवाई अड्डा देशी उड़ानों के लिए शुरू होगा, जबकि कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की भी योजना है। एअरोब्रिज, यात्री बोर्डिंग ब्रिज और बस बोर्डिंग द्वारों की सुविधा से यात्रियों को सीधे विमान तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

यात्रियों को मिलेगा देशी शाकाहारी व विदेशी व्यंजन

खान-पान में यात्रियों को ब्रज की देशी शाकाहारी व्यंजन और अंतरराष्ट्रीय फूड चेन के विकल्प उपलब्ध होंगे। ‘फूड एंड बेवरेज’ सेक्शन में हाइनमैन एशिया पैसेफिक, ट्रैवल फूड सर्विसेज और एचएमएस होस्ट इंडिया जैसे ब्रांड मिलकर सेवाएं प्रदान करेंगे। यह हवाई अड्डा तकनीकी नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और यात्रियों की सुविधा का नया मानक स्थापित करेगा और आने वाले समय में देश के हवाई परिवहन क्षेत्र में एक आदर्श माडल बनेगा।

हवाई अड्डे की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर 90 के खिलाफ मामला दर्ज

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भूमि पर अवैध निर्माण के मामले में 90 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। यह अवैध निर्माण नगला हुकुम सिंह, रन्हेरा, कुरैवा और करौली बांगर सहित कई गांवों में हवाई अड्डा परियोजना की कई बीघा जमीन पर किया जा रहा था। स्थानीय लेखपाल की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने पुलिस को इस संबंध में जानकारी दी थी। कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद इन स्थानों पर लगातार निर्माण कार्य जारी था। आरोप है कि इस तरह के अवैध निर्माण से शासन की छवि धूमिल हो रही है और इससे राजकीय संपत्ति को भी क्षति पहुंच रही है।

बता दें कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण का कार्य चल रहा है। उसी के तहत हवाई अड्डे के दूसरे चरण के निर्माण के लिए इन गांवों की ज़मीन को अधिग्रहित किया गया है। अधिग्रहण के साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि यहां पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। इसको लेकर नोटिस जारी कर दिया गया था।

इसके बावजूद इन गांवों में लगातार कुछ लोग अवैध रूप से निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं। इन्हीं लोगों के द्वारा अवैध रूप से यह कब्जे की कार्रवाई की जा रही थी। इसको लेकर लेखपाल की शिकायत पर 90 लोगों के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि कुछ अन्य जगहों पर हो रहे निर्माण पर भी प्रशासनिक स्तर से नजर रखी जा रही है। अवैध निर्माण नहीं हटने की दशा में काफी अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होने की संभावना है।