बीजेपी के समर्थन से नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। शुक्रवार को उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना था, जिसमें वह सफल रहे हैं। नीतीश कुमार के समर्थन में 131 वोट पड़े, जबकि 108 वोट विरोध में डाले गए। बहुमत साबित करने के लिए 122 वोटों की जरूरत थी। नीतीश कुमार ने बहुमत हासिल करने के बाद लोगों का धन्यवाद किया और साथ ही तेजस्वी यादव के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने तेजस्वी यादव के “जय श्रीराम” वाले बयान पर बोलते हुए कहा कि कोई उन्हें धर्मनिरपेक्षता सिखाने की कोशिश ना करे।
नीतीश कुमार ने कहा, “राजद ने हमारी पार्टी की अनदेखी की। बहुमत पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सरकार के लिए मिला था। कोई भी मुझे धर्मनिरपेक्षता सिखाने की कोशिश ना करे। मुझे पता है मैं क्या कर रहा हूं। मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करुंगा जो राजनीतिक पावर के जरिए निजी संपत्ति जोड़ने में लगा हो। मेरे लिए वो सरकार चलाना मुश्किल हो रहा था। यह बहुमत जनता की सेवा के लिए है।” बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश अब हे राम से जय श्रीराम हो गए हैं।
इससे पहले तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पिछले चार साल में चार सरकार बन चुकी है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लोग जवाब चाहते हैं। तेजस्वी ने कहा, “आप (नीतीश) भाजपा के साथ मिलने के लिए मुझे एक प्यादे के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। आप पहले हे राम कहते थे और भाजपा को देखा तो “जय श्री राम” बोलने लगे। उन्होंने कहा कि “नीतीश का भाजपा के साथ मिलने का प्लान पहले से था। बहुमत पांच साल के लिए मिला था और यह भाजपा के खिलाफ था। ” बिहार विधानसभा में अब तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता होंगे।
