लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार रात 11 बजे मत विभाजन के बाद गिर गया। मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 126 मत पड़े, जबकि विरोध में 325 मत पड़े। इस तरह लोकसभा में बुधवार को लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को मतदान के बाद गिर गया। भाजपा के दो सांसद के. सी. पटेल और भोला सिंह बीमार थे लेकिन वे मतदान के लिए संसद पहुंचे। वहीं सांसद पप्पू यादव ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और मतदान से पहले सदन से बहिर्गमन किया।
इससे पहले 10 घंटे बहस के बाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा, “कुछ लोग कहते थे कि वे खड़े होंगे तो सामने मैं खड़ा नहीं रह पाऊंगा। लेकिन मैं खड़ा भी हूं और अपनी सरकार के चार साल के काम पर अड़ा भी हूं।” उन्होंने इससे इतर कहा कि कांग्रेस देश में अस्थिरता फैलाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाई। उन्होंने कहा कि वह कामदार हैं, नामदार नहीं। इसलिए हम आपकी (राहुल गांधी) आंख में आंख नहीं डाल सकते। पीएम मोदी ने करीब 90 मिनट तक जवाब दिया।
पीएम ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बिना तुष्टिकरण किए सबका साथ, सबका विकास कर रही है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ‘प्लीज-प्लीज’ कर सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील करती रहीं। दूसरी तरफ, टीडीपी के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे। पीएम ने इसके अलावा मुद्रा योजना के तहत 13 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की भी बात कही।
लोकसभा में शुक्रवार (20 जुलाई) की रात नौ बजकर 17 मिनट पर पीएम का संबोधन शुरू हुआ था। सबसे पहले उन्होंने स्पीकर सुमित्रा महाजन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि यह अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया जाए।” पीएम ने इसके बाद शेर पढ़ा- न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है। यही नहीं, वह बोले- सार सार को गही रहे, थोथा दे रहे उड़ाय।
मोदी ने आगे राहुल पर तंज कसा। कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि अगर वे खड़े हो जाएंगे तो मैं 15 मिनट भी खड़ा नहीं रहूंगा। मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किया है उस पर अड़ा भी हूं।” उन्होंने इसके साथ साफ किया कि यह सरकार का नहीं, बल्कि कांग्रेस का ही फ्लोर टेस्ट है। बकौल पीएम, “अविश्वास प्रस्ताव को अपने कुनबे को समेटने के लिए लाया गया।”
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वह बोले, “लोगों के मन में यह प्रश्न है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया क्यों गया? न तो संख्या है, न सदन में बहुमत है। फिर भी सदन में इस प्रस्ताव को क्यों लाया गया?” आगे कहा कि हम यहां (सरकार में) इसलिए हैं कि हमें सवा सौ करोड़ जनता का आशीर्वाद प्राप्त है। ऐसे में देश की जनता पर अविश्वास न करें।
राफेल डील पर की गई आलोचना पर पीएम ने कहा कि देश को गुमराह करने का काम किया गया है और देश इसके लिए कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सदन में दिए गए बयान पर दोनों देशों को स्पष्टीकरण देना पड़ा। पीएम मोदी ने पूछा कि क्या ऐसे ही बचकाना हरकत करते रहेंगे? उनके मुताबिक, राफेल डील दो जिम्मेदार सरकारों के बीच हुई, ऐसे में ऐसी बचकाना हरकत करने से बचें। पीएम मोदी ने कहा कि सेना पर की गई टिप्पणी से जवानों को सदमा लगा होगा। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक न कहें और देश के लिए मर मिटने के लिए निकले जवानों को अपमानित करने का काम बंद करें।
वह बोले, “चुनाव आयोग, न्यायपालिका, भारतीय रिजर्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों पर कांग्रेस को यकीन नहीं है। उन्हें किसी चीज पर विश्वास नहीं है। आजकल शिव भक्ति की बातें हो रही हैं। मैं भी शिव की प्रार्थना करता हूं कि आपको इतनी शक्ति दें कि आप 2014 में फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएं।”
Highlights
संसद के बाहर विजय चिन्ह दिखाते हुए मंत्री विजय गोयल और अनंत कुमार।
(Express photo/Tashi Tobgyal)
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए पर लोकसभा और भारत की 125 करोड़ जनता का विश्वास है। उन्होंने कहा, मैं उन सभी पार्टियों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने आज वोट के जरिए हमें समर्थन दिया है। भारत को बदलने और हमारे युवाओं के सपनों को पूरा करने के हमारे प्रयास जारी हैं। जय हिंद!
10 घंटे चली चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। सरकार के पक्ष में 325 वोट आए। विपक्ष के पक्ष में 126 वोट आए।
बीजेडी और शिवसेना ने वोटिंग का बहिष्कार किया। दोनों पार्टियों के सांसद सदन से अनुपस्थित हैं। पप्पू यादव ने भी सदन छोड़ा।
प्रधानमंत्री मोदी का भाषण खत्म हो गया। थोड़ी देर में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू होगी।
स्वतंत्र एंजेंसी के सर्वे के हवाले से पीएम मोदी ने कहा- देश में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को 1 साल में नौकरियां मिली हैं।
पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और पीएम मोदी को कुछ देर के लिए अपना भाषण रोककर दोबारा शुरू करना पड़ा। कुछ देऱ तक रुकने के बाद जब पीएम मोदी ने अपना भाषण शुरू किया तो लगातार नारेबाजी होती रही।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, 18 साल पहले अटली जी की सरकार ने तीन राज्यों का गठन किया- उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़। तीनों राज्य शांति से प्रगति कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक लाभ पाने के लिए आपने आंध्र और तेलंगाना का गठन किया। उस समय मैंने कहा था तेलुगू हमारी मां है।
बहस के दौरान अपनी बात रखते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान। (फोटोः पीटीआई)
सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने अपनी बारी में पीएम की तुलना भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली से करा दी, जबकि बीजेपी के नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को पीएम से मांगने के लिए कहा।
वहीं, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आएलएसपी) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के नौजवान घर का पेट पालने के लिए पलायन करता है, तो वह जगह-जगह अपमानित होता है। इतिहास ने उनके साथ इंसाफ नहीं किया है। आज बिहार के 10 करोड़ लोगों का पीएम पर भरोसा है। हम चाहते हैं कि पीएम बिहार पर ध्यान दें।
ओवैसी से पहले हरियाणा के हिसार से इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पीएम की सरकार जब बनी थी, तो खूब अच्छे दिन की बात सुनने को मिली थी। लेकिन आज की स्थिति देखकर लगता है कि अच्छे दिन तो बहुत दूर की बात है। हम तो ये पूछ रहे हैं कि सच्चे दिन कब आएंगे?
शिवसेना के संजय राऊत ने पत्रकारों से उस दौरान कहा, "मुझे लगता है कि राहुल गांधी राजनीति की असली पाठशाला में जा चुके हैं। जिस तरह मोदी जी को जादू की झप्पी लगाई, वह झप्पी नहीं झटका था।" वहीं, गुजरात के वलसाड से सांसद केसी पटेल को शुक्रवार (20 जुलाई) की शाम एंबुलेंस से मतदान करने के लिए संसद लाया गया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता दिनेश त्रिवेदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार के विकास के दावों पर सिर्फ एक ही जवाब दिया जाना चाहिए। वह है- हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान और कब्रिस्तान-श्मशान। शिवसेना के नेता संजय राऊत ने इससे पहले कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झप्पी देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झटका दे दिया। उनकी यह प्रतिक्रिया शुक्रवार (20 जुलाई) को राहुल के पीएम से लोकसभा में गले मिलने पर आई।
नई दिल्ली में शुक्रवार को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान कुछ इस अंदाज में नजर आईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी। (फोटोः पीटीआई)
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था, "रक्षा मंत्री ने कहा कि फ्रांस के साथ रफेल की डील पर गोपनीयता का पहलू था। मैं व्यक्तिगत तौर पर फ्रांस के पीएम से मिला और उनसे पूछा कि क्या कोई ऐसी बात थी। उन्होंने साफ किया कि नहीं, ऐसा कुछ नहीं था। जादू से पीएम ने रफेल का दाम बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपए कर दिए।"
राफेल डील पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को लेकर शुक्रवार (20 जुलाई) शाम बड़ा बयान आया। वहां की सरकार ने कहा कि राफेल डील पर वे किसी प्रकार ब्यौरा नहीं दे सकते। अभी भी उस सौदे पर नियम लागू होते हैं। यह डील साल 2008 में हुई थी। हालांकि, राहुल ने बाद में साफ किया कि वह अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा। बकौल राहुल, "फ्रांस के राष्ट्रपति ने तब मेरे सामने कहा था। मनमोहन सिंह और आनंद शर्मा भी उस दौरान मौजूद थे।"
नई दिल्ली में शुक्रवार को संसद में पत्रकारों के सामने राफेल डील से जुड़े दस्तावेज लहरा कर दिखाते कांग्रेसी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला। (फोटोः पीटीआई)
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता दिनेश त्रिवेदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार के विकास के दावों पर सिर्फ एक ही जवाब दिया जाना चाहिए। वह है- हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान और कब्रिस्तान-श्मशान।
गुजरात के वलसाड से सांसद केसी पटेल को शुक्रवार (20 जुलाई) की शाम एंबुलेंस से मतदान करने के लिए संसद लाया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिल्कार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मुंह में राम और बगल में छुरी है। आप की सरकार (बीजेपी) समाज को तोड़ रही है। ऐसे में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलते हुए खगड़े बोले कि आरएसएस के सिद्धांत अंबेडकर के खिलाफ हैं।
खड़गे से पहले बीजेपी के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान चर्चा में बोले। उन्होंने कहा, "देश में आज जो जूता बनाता है, उसके पास पहनने के लिए हवाई चप्पल तक नहीं है। देश में बड़े स्तर पर बेरोजगारी की समस्या है।" सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वह बोले, "हमें खुशी है कि सरकार 20 एम्स खोलेगी। 2022 तक सबको घर देने का लक्ष्य तय किया गया है। देश में शौचालय और बिजली को लेकर भी काम हुआ है।"
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच फ्रांस से रफेल डील को लेकर बयान आया है। फ्रांस की ओर से कहा गया है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने जैसा कि नौ मार्च 2018 को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में संकेत दिए थे कि जब डील बेहद संवेदनशील हो, तब वे उससे जुड़ी जानकारियों का खुलासा नहीं कर सकते।
गृह मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। बोले कि राहुल ने लोकसभा में चिपको आंदोलन की शुरुआत की है। लोकसभा में राजनाथ की यह टिप्पणी तब आई, जिससे कुछ देर पहले राहुल पीएम की सीट के पास जाकर उनके गले लग गए थे। पहले तो पीएम और बाकी सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष के उस रवैये पर हैरान रह गए। लेकिन बाद में मोदी ने राहुल को खुद बुलाकर हाथ मिलाया और उनसे कुछ दबी जुबान में कहा।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके पहले कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेसी नेता शशि थरूर के हिंदू पाकिस्तान और हिंदू तालिबान वाले बयान पर पार्टी को घेरा। बोले, "क्या चाहते हैं कि पाकिस्तानी रूपी जेहनियत हिंदुस्तान में जिंदा रहे? हिंदू पाकिस्तान, हिंदू तालिबान की बात करते हैं, देश को कहां ले जाना चाहते हैं?"
सीट के पास राहुल के पहुंचने पर PM पहले असहज हो गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष से गले के बाद उन्होंने यूं हाथ दिखाकर इशारा किया था। पीएम संकेतों में यह पूछना चाहते थे कि आखिर राहुल ने उन्होंने गले क्यों लगाया। (फोटोः LSTV/PTI)
बकौल केंद्रीय मंत्री, "मैं देख रहा हूं कि जिन राजनीतिक दलों ने हमारी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की है, उनका एक-दूजे पर विश्वास नहीं है। अगर नेतृत्व की चर्चा हो जाए तो समझ लीजिए कि गई भैंस पानी में। ऐसे हालात यहां पैदा हो जाएंगे।" आगे मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "देश में मॉब लिचिंग की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। मगर स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस प्रकार की पहली घटना साल 1984 में हुई थी।"
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, "ये समझ लो कि सदन की गरिमा हमें ही रखनी है। कोई बाहर का आकर नहीं रखेगा। सांसद के नाते हमें अपनी गरिमा भी रखनी है। मैं चाहती हूं कि आप सब प्रेम से रहें। मेरे दुश्मन नहीं हैं, राहुल जी। बेटे जैसे ही लगते हैं।"
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, "15 साल बाद किसी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है। कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब हम (बीजेपी) 10 सालों में कभी भी अविश्वास प्रस्ताव कभी भी नहीं लाए, क्योंकि हम यह समझते हैं कांग्रेस को लोगों को जनादेश मिला था।"
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राजीव गांधी के बयान को याद किया और कहा कि किसी को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि सब कालचक्र से चलता है। उन्होंने त्रिपुरा और केरल में बीजेपी के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है, यही वजह है कि सभी दलों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों का ही एक-दूसरे का विश्वास नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले किए। उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र करते हुए टिप्पणियां की जिसपर सत्ता पक्ष के सांसदों ने खूब हंगामा किया। रॉय ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव सिद्धांतों की बात है। रॉय ने बीजेपी की खाली बेंचेज की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार में कोई विश्वास नहीं रह गया है। रॉय ने कहा कि भाजपा 'मुस्लिम मुक्त भारत' चाहती है।
राहुल ने कहा, ''सबको पता है कि कुछ कारोबारियों के साथ प्रधानमंत्री के कैसे रिश्ते हैं। सब समझते हैं प्रधानमंत्री की मार्केटिंग का पैसा कहां से आता है। उन्हीं में से एक कारोबारी को राफेल का सौदा करने दिया गया। उस कारोबारी को करीब 45,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ। आप जवाब दीजिए कि कैबिनेट सिक्योरिटी कमेटी ने फैसला किया या नहीं? आप बताइए कि 35,000 करोड़ रुपये के कर्ज वाली कंपनी को क्यों फायदा पहुंचाया गया।' गांधी ने मॉब लिंचिंग के साथ ही महिलाओं के खिलाफ बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर भी सवाल उठाया। राहुल ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के अध्यक्ष सत्ता नहीं खोना चाहते हैं, क्योंकि वह डरे हुए हैं और यही सच्चाई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकेे अध्यक्ष (बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह) सत्ता के बिना नहीं रह सकते, क्योंकि वे भयभीत हैं। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा कि आप भले ही मुझे 'पप्पू' समझें। इस बीच, उन्होंने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अपने स्थान से उठ कर पीएम मोदी से गले भी मिले। इस दौरान राहुल की मां और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी मुस्कुराते हुए मेज थपथपाती दिखीं।
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ''प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि मैं देश का चौकीदार हूं। प्रधानमंत्री के मित्र का पुत्र 16 हजार गुना अपनी आमदनी बढ़ाता है तो प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। यूपीए की डील में राफेल हवाई जहाज का दाम 520 करोड़ रुपये प्रति जहाज था। पता नहीं क्या हुआ, प्रधानमंत्री जी फ्रांस गए और जादू से कीमत 1,600 रुपये प्रति जहाज हो गया। डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि मैं देश को पहले जहाज के दाम बताऊंगी, उसके बाद उन्होंने साफ-साफ कहा कि मैं ये आंकड़ा नहीं दे सकती क्योंकि फ्रांस और हिंदुस्तान की सरकार के बीच में एक सीक्रेसी पैक्ट हैं। मैंने स्वयं फ्रांस के राष्ट्रपति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि ऐसा कोई समझौता नहीं है।''
राहुल ने कहा, ''जीएसटी कांग्रेस पार्टी लाई थी, आपने (बीजेपी) विरोध किया था। गुजरात सीएम ने विरोध किया था। हम चाहते थे कि एक जीएसटी हो, पेट्रोल-डीजल उस जीएसटी में हो और कम से कम बवाल हो। प्रधानमंत्री जी की जीएसटी, 5 अलग-अलग तरह की जीएसटी, करोड़ों लोगों को आपने बर्बाद किया।'' राहुल ने कहा, ''मैं सूरत गया, वहां व्यापारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबसे बड़ी चोट हमें मारी है। आज बेरोजगारी हिंदुस्तान में 7 साल में सबसे ज्यादा है।''
प्रस्ताव के विरोध में बोलते हुए जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह ने एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि लोकतंत्र का अर्थ दूसरों का गला घोंटना नहीं है। सिंह ने कहा कि 'पहले जहां एक दिन में 12 किलोमीटर सड़क बनती थी, वहीं आज एक दिन में 27 किलोमीटर सड़क बन रही है।' उन्होंने विभिन्न राज्यों की 2014 से पहले की स्थिति और आज की स्थिति की तुलना करते हुए मोदी सरकार को बेहतर साबित करने का प्रयास किया। अपनी बात खत्म करते हुए राकेश ने कहा, ''चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी, यही इज्लाम लग रहा है हम पर बेवफाई का, चमन को रौंद डाला जिन्होंने अपने पैरों से, वही दावा कर रहे हैं चमन की रहनुमाई का''
अविश्वास प्रस्ताव पेश करते समय टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश से किए वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने बीजेपी को 'श्राप' देते हुए कहा कि अगर उसने आंध्र प्रदेश की जनता की नहीं सुनी तो वह राज्य में 'तबाह' हो जाएगी। सदन में संख्या-बल भाजपा के पक्ष में है और सहयोगियों का साथ मिलने पर एनडीए के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरना तय है। जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। 18 सांसदों वाली शिवसेना ने तय किया है कि वह मतदान में हिस्सा नहीं लेगी।