No-Confidence Motion Against VP Jagdeep Dhankhar Rejected: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इसमें गंभीर खामियां हैं औ यह उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जल्दबाजी में लाया गया। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने सदन में पेश किया। इसमें हरिवंश ने कहा कि धनखड़ के खिलाफ महाभियोग नोटिस का मकसद देश की संवैधानिक संस्था को नुकसान पहुंचाना है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नोटिस के बारे में कई खामियां भी बताई थीं। नोटिस को बिल्कुल बेतरतीब तरीके से तैयार किया गया था। इसमें कई गलतियां भी थीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस जिसको लिखा गया है, उसके नाम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं पूरी याचिका में उपराष्ट्रपति के नाम की स्पेलिंग भी गलत है। साथ ही संबंधित डॉक्यूमेंट्स को भी नहीं लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ही इसे तैयार कर दिया गया। यह काफी हैरान करने वाला है कि इस नोटिस को केवल सभापति की छवि को खराब करने के इरादे से तैयार किया गया।

नोटिस का फॉर्मट भी सही नहीं- हरिवंश

उपसभापति हरिवंश ने नोटिस को खारिज करते हुए यह भी कहा कि नोटिस का फॉर्मेट भी सही नहीं है। संविधान के आर्टिकल 90 (C) के अनुसार किसी भी प्रस्ताव को लाने के लिए 14 दिन पहले ही नोटिस देना होता है। लेकिन संसद का शीतकालीन सत्र केवल 20 दिसंबर तक ही चलना है। ऐसे में दिया गया नोटिस मंजूर नहीं है। बता दें कि सबसे खास बात यह है कि अगर राज्यसभा के सभापति को उनके पद से हटाना है तो इसके लिए कम से कम 14 दिन पहले नोटिस दिया जाना चाहिए।

क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 67

इंडिया अलायंस के नेताओं ने दिया था अविश्वास प्रस्ताव

राज्यसभा के इतिहास में पहली बार सभापति को हटाने का प्रस्ताव पेश किया गया। इंडिया अलायंस ने सभापति धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया। 25 नवंबर को शुरू हुए इस सत्र में विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है। राज्यसभा में सभापति के बचाव में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें किसान का बेटा बताया। उन्होंने सदन की सदन की गरिमा को बनाए रखा। विपक्षी सांसदों पर निशाना साधते हुए रिजिजू ने कहा, ‘अगर आप आसन का सम्मान नहीं कर सकते तो आपको सदस्य बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। हमने देश की संप्रभुता की रक्षा करने की शपथ ली है।’ ‘मैं आपका सम्मान कैसे कर सकता हूं?’ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लेकर ये क्या बोल गए खड़गे पढ़ें पूरी खबर…