सुशील कुमार श्रीवास्तव 70 साल के व्यक्ति हैं। फिलहाल वो खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संघर्ष भी ऐसे जिसे देखकर लोग हतप्रभ रह जाएंगे। बुजुर्ग,को एक अदद हॉस्पिटल की तलाश है जहां उनका उपचार हो सके। इसके लिए वो ऑक्सीजन सिलेंडर अपने साथ लेकर एक नर्सिंग होम से दूसरे तक चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी है।
बुजुर्ग के बेटे कहते हैं कि वह अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं पर हालात इतने ज्यादा विकट हैं कि उन्हें एक बैड भी नसीब नहीं हो पा रहा है। पहले पिता को सांस लेने में परेशानी हुई थी। उस समय कोविड टेस्ट नहीं हो सका। लेकिन जब कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उनकी सांसें अटक गईं। पिता को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। लिहाजा तालकटोरा स्टेडियम में जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर का जुगाड़ किया। इसके लिए उन्हें मुंह मांगी कीमत देनी पड़ी। अब सरकारी सिस्टम से एक बैड की तलाश कर रहे हैं।
कोरोना ने जिस तरह से अपना कहर बरपाया है, उसमें ऐसी परेशानियों से कमोवेश हर दूसरे व्यक्ति को दो-चार होना पड़ रहा है। अस्पतालों में जगह नहीं है। जो संक्रमित हो गया, उसे इलाज तो चाहिए होगा। लेकिन अस्पताल लोगों को एडमिट करने को तैयार नहीं हैं। वो भी क्या करें। उनके पास जगह ही नहीं है। ऐसे में जो व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हैं, उनकी जान पर बन रही है।
देश भर से ऐसी ही तस्वीरें सामने आ रही हैं। सतारा में महिला अस्पताल की तलाश में आटो में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूम रही है। आटो अस्पताल के बाहर ही खड़ा है। उन्हें उम्मीद है कि कोई बैड खाली होने की स्थिति में शायद नंबर लग जाए। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी तस्वीरं भी सामने आ रही हैं, जिन्हें देखने के बाद अच्छे खासे आदमी की भी सांसें अटक जाएं।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक मरीज की जान अस्पताल प्रशासन की वजह से चली गई। कोरोना संक्रमित इस मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे जिंदा रखा गया था। अस्पताल के स्टाफ ने उसका ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया। हालांकि, अस्पताल प्रशासन इस बात से इनकार कर रहा है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि किस तरह से मरीज की जान एक स्टाफ ने ली। घटना की तह में जाने के लिए फिलहाल जांच कराई जा रही है।
So Shocking! Shivpuri a Covid patient died as a hospital staff allegedly pulled out his oxygen support at night, reveals CCTV footage, the administration initially denyied any lapse ordered probe after CCTV footage came.out @GargiRawat @manishndtv @vinodkapri @ndtv pic.twitter.com/AZYttmz5X7
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 15, 2021
Shocking visuals from Satara…
No beds available in the hospitals in Satara and hence this woman has been put on oxygen in a rickshaw, parked outside. pic.twitter.com/JFFj4YIRZy
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 14, 2021
Maharashtra: Shortage of medical oxygen in a number of hospitals in Nashik District
Only when the oxygen supply is increased we'll be able to admit more patients. We need 50 cylinders daily but we're getting only 30 cylinders, says Dr.Yogesh More, Uma Hospital pic.twitter.com/F9NnYZHNIc
— ANI (@ANI) April 15, 2021
मौजूदा हालात में सबसे बड़ी परेशानी ऑक्सीजन को लेकर है। सारे देश में हाहाकार मचा हुआ है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। नासिक के उमा अस्पताल के डॉ. योगेश मोरे का कहना है कि ऑक्सीजन उपलब्ध होने की स्थिति में ही वो ज्यादा मरीजों को दाखिल कर सकते हैं। उन्हें रोजाना 50 सिलेंडर की जरूरत होती है, लेकिन मिल पा रहे हैं केवल 30। ऐसे में वो मरीजों को भरती करें भी तो कैसे?
देश में बेकाबू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर के हालात भयावह हो गए हैं। कोरोना संक्रमण के मामले और मौतों की संख्या में जारी वृद्धि डरावनी तस्वीर पेश कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक दिन में मिलने वाले संक्रमण के मरीजों का आंकड़ा गुरुवार को दो लाख के पार पहुंच गया है। जबकि 1038 मरीजों की जान चली गई है। अब लॉकडाउन लगने की आशंका जताई जा रही है।