पूर्व क्रिकेटर और पूर्व बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद आज (सोमवार को) उसका औपचारिक एलान किया। नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में उन्होंने कहा, “मैं तो पैदायशी कांग्रेसी हूं और यह मेरी घर वापसी है।” कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धू ने इस बात से साफ इंकार किया कि कांग्रेस में उनके शामिल होने से मौकापरस्त होने और विचारधारा को तिलांजलि देने की बू आती है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “क्या (बिहार में) नीतीश (कुमार) और लालू (प्रसाद यादव) एक साथ नहीं आए थे?” सिद्धू का इशारा साफ तौर पर पिछले साल बिहार विधान सभा चुनाव से पहले हुए महागठबंधन की ओर था जिसमें लालू यादव की राजद, नीतीश कुमार की जदयू और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सिद्धू ने कहा कि बिहार में जब कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे दोनों नेता एक साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं और अब साथ मिलकर सरकार चला सकते हैं, जिसमें कांग्रेस भी जूनियर पार्टनर की हैसियत से शामिल है तो इसमें गलत क्या है?
नवजोत सिंह सिद्धू की इस टिप्पणी पर पत्रकारों ने जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने पटना में पत्रकारों से कहा कि बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आपको मतभेद भुलाने ही पड़ते हैं।
गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में रविवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से सिद्धू स्टार प्रचारक होंगे। माना जा रहा है कि 4 फरवरी को होने जा रहे पंजाब विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से किस्मत आजमाएंगे। अमृतसर से ही बीजेपी सांसद रह चुके सिद्धू को पिछले लोकसभा चुनाव में अमृतसर की सीट अरुण जेटली के लिए छोड़ने का निर्देश दिया गया था, जहां से जेटली को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, हार के बावजूद जेटली वित्त मंत्री बनाए ग थे। सिद्धू बीजेपी में नाराज बताए जा रहे थे लिहाजा, सितंबर, 2016 में उन्होंने बीजेपी से पत्नी समेत इस्तीफा दे दिया था। राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस पंजाब विधान सभा चुनाव जीतती है तो सिद्धू उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं जबकि उनकी पत्नी को अमृतसर से लोकसभा चुनाव का टिकट मिल सकता है।

