एनडीए के सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी तीन तलाक बिल का विरोध कर सदन से वॉकआउट किया। जेडीयू ने कहा कि यह बिल समाज के एक तबके के मन में अविश्वास पैदा करेगा। बिल पर चर्चा के दौरान जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा ‘हम इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे क्योंकि हमारी पार्टी का मानना है कि अगर यह बिल लोकसभा में पास होता है तो यह समाज के तबके में अविश्वास और खास तरह की भावना पैदा करेगा।’
उन्होंने आगे कहा ‘कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता है कि पति-पत्नी का रिश्ता खराब हो। क्योंकि पति-पत्नी का रिश्ता आपसी सहमति से होता है। आप किसी कानून को बनाकर पति पत्नी के रिश्ते को तय नहीं कर सकते। आप कानून बनाने की बजाय उस समुदाय को इस फर फैसला करना दीजिए। आप जन जागृति करने की दिशा में आगे बढ़िए। सरकार को ऐसे ही कई और अन्य प्रयास करने चाहिए।’
बहरहाल तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध ठहराने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया। चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी सदन से वॉकआउट किया। इस बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं जिनका इन पार्टियों ने विरोध किया।
वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चर्चा के दौरान कहा कि इस्लामिक देशों में तीन तलाक को लेकर बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम तीन तलाक के मामलों में न्याय दिलाकर रहेंगे। प्रसाद ने एक स्वर में सदन से तीन तलाक बिल को पारित करने की बात कही। वहीं, विपक्ष इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग पर अड़ा रहा। इससे पहले भाजपा ने बिल पर चर्चा के दौरान मौजूदगी के लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था।